श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बनारस में लौटा लकड़ी के खिलौना का व्यापार, मांग में बढ़ोतरी दर्ज

Kashi Vishwanath Corridor

वाराणसी के जिला उपायुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वाराणसी के लकड़ी के खिलौना जीआई उत्पाद के रूप में भी शामिल हैं। 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बाबा धाम में आने श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

वाराणसी। बनारसी लकड़ी के खिलौनों की अपनी ख़ास पहचान है। इसकी मांग पूरी दुनिया में है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद लकड़ी पर उकेरे गए श्री काशी विश्वनाथ धाम का मॉडल बनारस आने वाले सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। लोग धाम के मॉडल को घर में रखने के लिए खरीद रहे है। वहीं उपहार में देने के लिए भी इस मॉडल की कॉरपोरेट मांग बढ़ी है। लकड़ी के खिलौने बनाने वाले कारीगर बिहारी लाल अग्रवाल और अमर अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और इसके प्रचार-प्रसार का फायदा वाराणसी के लकड़ी के खिलौना उद्योग को सबसे ज्यादा मिल रहा है। इसकी ‘डिमांड’ बाहर से भी आ रही है। और बनारस आने वाला पर्यटक भी इसे खरीद कर ले जा रहा है। 

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वाराणसी के जिला उपायुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वाराणसी के लकड़ी के खिलौना जीआई उत्पाद के रूप में भी शामिल हैं। 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद बाबा धाम में आने श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वाराणसी में आने वाले पर्यटकों को श्री काशी विश्वनाथ धाम और भगवान शंकर की रंगीन झाकियों की लकड़ी पर उकेरी गई आकृति बेहद पसंद आ रही है। धार्मिक सजावटी सामान में सबसे ज्यादा मांग वाराणसी के पारंपरिक लकड़ी के खिलौना उद्योग को मिल रहा है। 

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वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से वाराणसी में लकड़ी के खिलौना उद्योग में बनने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल की मांग ज्यादा आ रही है। साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की परंपरागत पुश्तैनी उद्योग के उत्पादों को उपहार में देने की अपील से भी इसकी बिक्री बढ़ी है, जिससे इस उद्योग से मुंह मोड़ चुके लोग फिर से इससे जुड़़ रहे हैं। इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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