अगर आप भी हैं SBI बैंक के कस्टमर्स, तो जान लें बैंक में होने जा रहे हैं ये 2 बड़े बदलाव

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[email protected] । Mar 12 2020 11:59AM

भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को गुरुवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। जिसके मुताबिक अब बैंक के सभी सेंविग खाताधारकों को जीरो बैंलेंस खाते की सुविधा मिलेगी। साथ ही बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रुप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है।

नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए खाते में औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता बुधवार को समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ खाते की सुविधा मिलने लगेगी। इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रुप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है। साथ ही मियादी जमाओं तथा कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों (एमसीएलआर) में कटौती की भी घोषणा की है। देश के सबसे बड़े बैंक के ब्याज दरों में कटौती की घोषणा से अन्य बैंकों के भी ऐसा करने की उम्मीद बढ़ गयी है। 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक के न्यूनतम राशि की अनिवार्यता खत्म करने के फैसले की सराहना की है। सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘ एसबीआई का खाते में न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता समाप्त करने के निर्णय से गरीब और मध्यम वर्ग को बहुत मदद मिलेगी। यह फैसला उनके जीवन को और आसान बनाएगा।’’ एसबीआई ने एक बयान में कहा कि ‘ग्राहकों के हित सर्वोपरि’ की अवधारणा पर चलते हुए और देश में वित्तीय समावेशन आगे बढ़ाने के लिए उसने औसत मासिक न्यूनतम राशि (एएमबी) रखने की अनिवार्यता खत्म की है। साथ ही त्रैमासिक आधार पर एसएमएस सेवा के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को भी खत्म कर दिया गया है।

एएमबी समाप्त किए जाने से बैंक के इन खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ (यानी कोई न्यूनतम राशि नहीं रखने) की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए समान रूप से तीन प्रतिशत कर दिया है। वर्तमान में एकलाख रुपये तक की जमा पर बचत खाताधारकों को 3.25 प्रतिशत वार्षिक और एक लाख रुपये से अधिक की जमा पर तीन प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज मिलता है। 

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एसबीआई के बचत खाताधारकों को मेट्रो शहरों में अभी एएमबी के रूप में 3,000 रुपये, कस्बों में 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये खाते में रखने होते हैं। एएमबी की शर्तें पूरी नहीं करने पर उन्हें पांच से 15 रुपये तक जुर्माने और करों का भुगतान करना होता है। खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान एसबीआई ने अप्रैल 2017 में शुरू किया था। बाद में अक्टूबर 2017 में जुर्माने की राशि को कम कर दिया था। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों अनुसार यह व्यवस्था शुरू करने के बाद वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-नवंबर अवधि में एसबीआई ने इस जुर्माने से 1,771.67 करोड़ रुपये की आय की थी।

निजी क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के बचत खातों में 10,000 रुपये तक की न्यूनतम राशि रखने का नियम है। इस बारे में वस्त्र, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘एसबीआई के न्यूनतम राशि की अनिवार्यता खत्म करने के निर्णय से खाताधारकों के लिए विशेष तौर पर गरीबों के लिए समावेशी बैंकिंग के अवसर बढ़ेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’ इसके अलावा बैंक ने बचत खातों पर वार्षिक ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाते हुए सभी श्रेणियों के लिए समान रूप से तीन प्रतिशत कर दिया है। वर्तमान में एकलाख रुपये तक की जमा पर बचत खाताधारकों को 3.25 प्रतिशत वार्षिक और एक लाख रुपये से अधिक की जमा पर तीन प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज मिलता है। 

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आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार उसके बचत बैंक खाते में दिन की समाप्ति पर बची राशि पर 50 लाख रुपये से नीचे जमा तक साढ़े तीन प्रतिशत जबकि 50 लाख रुपये या उससे अधिक की जमा पर चार प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देय होता है। इससे पहले दिन में एसबीआई ने विभिन्न परिपक्वता अवधि की मियादी जमाओं तथा कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दरों (एमसीएलआर) में कटौती की भी घोषणा की। नई दरें 10 मार्च से प्रभाव होंगी। बैंक ने एक महीने में यह दूसरी बार ऋण ब्याज दर में कटौती की है। बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिये खुदरा मियादी जमा (2 करोड़ रुपये से कम) पर ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। सात दिन से 45 दिन में परिपक्व होने वाले मियादी जमाओं पर ब्याज दर अब 4 प्रतिशत होगी जो पहले 4.50 प्रतिशत थी। वहीं एक साल और उससे अधिक अवधि के लिये जमाओं पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। 

एक साल से दो साल से कम अवधि के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर अब 5.90 प्रतिशत होगी जो पहले 6 प्रतिशत थी। बुजुर्गों के लिये इसी अवधि के लिये मियादी जमा पर ब्याज दर अब 6.50 प्रतिशत के बजाए 6.40 प्रतिशत होगी। बैंक ने 180 दिन और उससे अधिक अवधि के लिये दो करोड़ रुपये और उससे अधिक (थोक जमा) की मियादी जमाओं पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। एक साल और उससे अधिक की अवधि की थोक जमा राशि पर ब्याज दर अब 4.60 प्रतिशत होगी जो पहले 4.75 प्रतिशत थी। इससे पहले, फरवरी में बैंक ने खुदरा मियादी जमाओं पर ब्याज दरों में 0.10 से 0.5 प्रतिशत की कटौती की थी। जबकि थोक जमा के मामले में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इसके अलावा बैंक ने एक साल की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत घटाकर 7.75 प्रतिशत कर दी है जो पहले 7.85 प्रतिशत थी।

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एक दिन की अवधि और एक महीने के लिए एमसीएलआर 0.15 प्रतिशत घटाकर 7.45 प्रतिशत कर दी गयी है। तीन माह अ‍वधि के लिए एमसीएलआर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 0.10 प्रतिशत घटाकर क्रमश: 7.95 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है। नई दरें 10 मार्च से प्रभाव में आएंगी। इससे पहले, सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11 मार्च से अपने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कमी करने की घोषणा की थी।


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