चाइल्ड केयर वर्कर एक सुनहरा कॅरियर विकल्प
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि चाइल्ड केयर वर्कर का मुख्य काम बच्चों से ही जुड़ा हुआ होता है। आप एक डेकेयर में काम करके अपने कार्य की शुरूआत कर सकते हैं।
कहते हैं कि बच्चे भगवान का ही रूप होते हैं। दुनिया में शायद़़ ही कोई ऐसा इंसान हो जिसे बच्चों के साथ समय बिताना पसंद न हो। उनकी नटखट हरकतें और बेफ्रिक मुस्कान आपकी दिनभर की थकान को दूर कर देती है। लेकिन आज की बिजी लाइफस्टाइल में माता−पिता दोनों ही कामकाजी होते हैं तो वह चाहकर भी खुद ही अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पाते। और अपने बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें एक एक्सपर्ट की आवश्यकता पड़ती है। अगर आप भी बच्चों को बेहद प्यार करते हैं और बच्चे आपके साथ बेहद अच्छी तरह घुल−मिल जाते हैं और आप बच्चों को बेहद अच्छी तरह संभाल सकते हैं तो बतौर चाइल्ड केयर वर्कर भी अपना भविष्य बना सकते हैं−
क्या होता है काम
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि चाइल्ड केयर वर्कर का मुख्य काम बच्चों से ही जुड़ा हुआ होता है। आप एक डेकेयर में काम करके अपने कार्य की शुरूआत कर सकते हैं। एक चाइल्डकेयर वर्कर बच्चों पर निगरानी करने के साथ−साथ उनकी सेफ्टी का भी पूरा ध्यान रखते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के मीलटाइम को प्लान करना व उन्हें एक हेल्दी मील देना भी उनके ही कार्य का एक हिस्सा होता है। वैसे सिर्फ बच्चों को हेल्दी मील देने से ही उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। वे उनके हाइजीन का ध्यान रखने के साथ−साथ उन्हें भी इस बारे में खेल−खेल में सिखाते हैं ताकि बच्चे खुद भी थोड़ा हाइजीनिक बनें। अगर आप एक साल से भी कम छोटे बच्चों का ध्यान रखते हैं तो आपको उनके डायपर चेंजिंग से लेकर उनके रेस्ट टाइम व उनकी एक्टिविटी का भी पूरा ख्याल रखना होता है ताकि वह खुद को किसी प्रकार की चोट न पहुंचा लें या गलती से मुंह में कुछ हानिकारक चीज खा न लें। चूंकि एक चाइल्डकेयर वर्कर को लगभग पूरा दिन बच्चों के साथ बिताना होता है, इसलिए आपको उनके लिए कुछ फिजिकल एक्टिविटी, प्लेटाइम व उनकी रूचिनुसार कुछ गेम्स आदि भी खिलाने होते हैं। अंत में आपको बच्चों की प्रोग्रेस से लेकर उनके रूटीन व इंटरस्ट आदि का रिकॉर्ड भी रखना होगा।
स्किल्स
चूंकि कुछ बच्चे बेहद नटखट होते हैं, इसलिए उन्हें हैंडल करने के लिए आपको बेहद धैर्य व समझदारी का परिचय देना होगा। इसके अतिरिक्त अगर आप चाइल्ड साइकोलॉजी व बिहेवियरल थेरेपी के बारे में भी जानते हैं तो यह आपके काम के लिए एक बोनस की तरह काम करेगा। साथ ही बच्चों को कोई भी एक्टिविटी कराने के लिए आपको स्वयं भी शारीरिक व मानसिक रूप से इन्वॉल्व होना पड़ेगा, इसलिए आपका स्टेमिना भी अच्छा होना चाहिए। एक चाइल्डकेयर वर्कर को बच्चों के अतिरिक्त उनके अभिभावक और अन्य टीम के साथ भी तालमेल बिठाना होता है, इसलिए आपमें इंटरपर्सनल स्किल्स के साथ−साथ कम्युनिकेशन स्किल्स भी बेहतर होने चाहिए। साथ ही आपमें निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए ताकि आप किसी भी डिफिकल्ट परिस्थिति में तुरंत कोई फैसला ले पाएं। एक चाइल्डकेयर वर्कर को तीन माह के बच्चे से लेकर टीनेजर्स तक को संभालना होता है, इसलिए आपमें शिक्षण कौशल भी अच्छा होना चाहिए। आपका यह कौशल बडे़ बच्चों को संभालने में काफी मदद करेगा।
योग्यता
वैसे तो इस क्षेत्र में सफलता पाने का एकमात्र सूत्र होता है बच्चों को बेहतर तरीके से संभालने की क्षमता। लेकिन अगर आप चाइल्ड केयर मैनेजमेंट का कोर्स करते हैं तो प्रोफेशनल ट्रेनिंग के बाद आपके कॅरियर की नई राहें खुलती हैं। यह कोर्स 12वीं के बाद आसानी से किया जा सकता है। कहीं−कहीं पर कुछ संस्थान अपने यहां चाइल्डकेयर वर्कर को नियुक्त करने से पहले कुछ ट्रेनिंग क्लासेज भी लगवाते हैं, इससे भी आपके स्किल्स काफी निखरते हैं।
संभावनाएं
आजकल दोनों अभिभावकों के कामकाजी होने के कारण मेट्रो सिटीज में चाइल्ड केयर वर्कर की काफी डिमांड है। एक चाइल्डकेयर वर्कर डेकेयर सेंटर्स से लेकर प्राइवेट स्कूल्स, धार्मिक संस्थानों, क्रेच, वर्कप्लेस क्रेच व नर्सरीज आदि में जॉब की तलाश कर सकते हैं। वैसे अगर आप चाहें तो खुद का भी एक प्राइवेट क्रेच या डेकेयर सेंटर खोल सकते हैं।
आमदनी
एक चाइल्डकेयर वर्कर की आमदनी इस बात पर निर्भर करती है कि वह बच्चों को कितनी अच्छी तरह से हैंडल कर सकता है। वैसे शुरूआती दौर में आप 10000 से 15000 रुपए प्रतिमाह की सैलरी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। थोड़े अनुभव के पश्चात आप चाइल्डकेयर मैनेजर बनकर 30000 रुपए या उससे भी अधिक कमा सकते हैं। वहीं अगर आप खुद का सेंटर खोलते हैं तो आपकी आमदनी आपके यहां आने वाले बच्चों की संख्या पर निर्भर करेगी। अगर आप अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो कोई भी स्किल अवश्य सीखें चूंकि आजकल माता−पिता ऐसे डेकेर्यस को प्राथमिकता देते हैं, जहां ऑफ्टर स्कूल एक्टिविटी भी अच्छी होती हैं।
- मिताली जैन
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