कमर्शियल पायलट कैसे बनें? ऐसे लें सकते है भारत में हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस

Commercial Pilot

एसपीएल (SPL) और पीपीएल (PPL) के बाद आपको सीपीएल (CPL)यानी कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है। बता दें कि यह काफी कठिन स्टेज होती है।जाहिर तौर पर इसमें भी टेस्ट और एग्जाम आपको क्लियर करने होते हैं और यहां से आप कमर्शियल पायलटलाइसेंस होल्डर कहलाते हैं और हां कमर्शियल लाइसेंस मिलने के समय आपकी एज कम से कम 18 साल अवश्यही होनी चाहिए।

चिड़ियों को देखकर हवा में उड़ने का इंसानी शौक बहुत पुराना है। पहले के लोग अपने जीवन में एक बार हवाईजहाज में अवश्य ही चढ़ना चाहते थे।हालांकि अब यह आम हो गया है, बावजूद इसके हवा में उड़ने का क्रेज कम नहीं हुआ है।कल्पना कीजिए कि हवा में उड़ने का जब इतना क्रेज है तो हवा में उड़ाने का कितना क्रेज होगा!हवाई जहाज उड़ाने के लिए पायलट बनना एक बेहद आकर्षक कैरियर के रूप में जाना जाता है। इसमें एडवेंचर तोहोता ही है, मोटी कमाई भी होती है। पर प्रश्न वही है कि पायलट बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए?यहां यह बताना जरूरी है कि हवाई जहाज उड़ाने के अलग-अलग लाइसेंस होते हैं और यहां हम बात करेंगे हवाईजहाज उड़ाने के कमर्शियल लाइसेंस की, यानी कमर्शियल पायलट बनने की।

आइए विस्तार से जानते हैं...

शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो पायलट बनने के लिए 12वीं में आप द्वारा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ लियाहोना चाहिए।साथ ही इन विषयों में न्यूनतम 50% का अंक हासिल किया जाना आवश्यक है। इतना ही नहीं, आपका आई विजनफिट होना चाहिए और हाइट किसी हाल में 5 फीट से कम नहीं होना चाहिए। साथ ही भारत का नागरिक होनाआपके लिए अनिवार्य है।बता दें कि अंग्रेजी भाषा जितना अधिक आप सीख लेते हैं और उस पर आपकी जितनी अधिक कमांड होती है,आपके लिए पायलट बनना सहज होता चला जाता है12वीं पास करने के तत्काल बाद आपको स्टूडेंट पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है। इसे एसपीएल(SPL) के नाम से भी जाना जाता है। 

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इसके लिए आपको डीजीसीए यानी डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एवियशन,यानी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के मान्यता प्राप्त कॉलेज में एंट्रेंस एग्जाम देना होता है और उसे क्लियर करना होताहै। फिर मेडिकल क्लियर करने के बाद आप इसके लिए जा सकते हैं और हां पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स)से 50% मार्क के अलावा आप की उम्र कम से कम 16 साल होनी चाहिए। इसमें आप को ट्रेनिंग दी जाती है औरहां इसके लिए आपको एक मोटा अमाउंट भी चुकाना होता है।एसपीएल यानी स्टूडेंट पायलट लाइसेंस की ट्रेनिंग पूरी करने और परीक्षाएं क्लियर करने के बाद आपको पीपीएल(PPL) यानी प्राइवेट पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है और यह आपकी यात्रा का अगला पड़ाव है।यहां पर भी आपको कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है और प्राइवेट पायलट बनने की ट्रेनिंग पूरी करनी होती है।लेकिन, आपकी यात्रा यहीं खत्म नहीं होती है। 

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एसपीएल (SPL) और पीपीएल (PPL) के बाद आपको सीपीएल (CPL)यानी कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है। बता दें कि यह काफी कठिन स्टेज होती है।जाहिर तौर पर इसमें भी टेस्ट और एग्जाम आपको क्लियर करने होते हैं और यहां से आप कमर्शियल पायलटलाइसेंस होल्डर कहलाते हैं और हां कमर्शियल लाइसेंस मिलने के समय आपकी एज कम से कम 18 साल अवश्यही होनी चाहिए। ऊपर आपको बताया ही गया है कि इस पूरी प्रक्रिया में अच्छी खासी रकम आपको चुकानी पड़ती है और आपशायद सुनकर हैरान रह जाएंगे कि यह रकम 2 मिलियन यानी 20 लाख रूपये से अधिक ही होती है, कम नहीं!जाहिर तौर पर यह कोई आसान सौदा नहीं है लेकिन हवा में उड़ना और हवा में उड़ाने का शौक भी तो कोई आसानशौक नहीं है!

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