टॉय बनाना सीखना है आसान, खोल सकते हैं अपना काम

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टेक्नोलॉजी के इस युग में भले ही आज तरह−तरह के गैजेट्स व प्ले स्टेशन जैसी चीजें मार्केट में आ गई हों लेकिन इन सबके बीच भी सॉफ्ट टॉयज का क्रेज बच्चों के बीच कम नहीं हुआ है।

टेक्नोलॉजी के इस युग में भले ही आज तरह−तरह के गैजेट्स व प्ले स्टेशन जैसी चीजें मार्केट में आ गई हों लेकिन इन सबके बीच भी सॉफ्ट टॉयज का क्रेज बच्चों के बीच कम नहीं हुआ है। इतना ही नहीं, लड़कियों को भी सॉफ्ट टॉयज काफी पसंद आते हैं। ऐसे में अगर आप चाहें तो इस क्षेत्र में भी अपना एक उज्ज्वल भविष्य देख सकते हैं। पुराने समय में जहां बच्चे गुड्डे−गुड़िया को पसंद करते थे, उसकी जगह अब सॉफ्ट टॉय ने ले ली है। तो क्यों न इस क्षेत्र में कॅरियर की नई संभावनाएं खोजी जाएं−

स्किल्स

एक सॉफ्ट टॉय मेकर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको यह खिलौने बनाने की कला आनी चाहिए। साथ ही आपका क्रिएटिव माइंड होना भी जरूरी है ताकि आप अपने खिलौनों को एक अलग आकार व स्वरूप दे सकें। इतना ही नहीं, आपको मार्केट के लेटेस्ट ट्रेंड की भी जानकारी होनी चाहिए ताकि आपको यह पता हो कि किस तरह के डिजाइन ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं और उनकी डिमांड है। ऐसे में उस तरह के सॉफ्ट टॉय बनाकर आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। अगर इस क्षेत्र में आप खुद का बिजनेस शुरू करने का मन बना रहे हैं तो आपके भीतर मार्केटिंग स्किल्स व प्रबंधन स्किल्स भी बेहतर होने चाहिए ताकि आप आसानी से अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें। 

क्या होता है काम

एक सॉफ्ट टॉय मेकर का मुख्य काम न सिर्फ खिलौने बनाना होता है। बल्कि खुद को स्थापित करने के लिए आपको अपने काम को कुछ अलग तरह से अंजाम देना होता है। मसलन, अगर आप चाहें तो बच्चों के पसंदीदा गैजेट्स को भी सॉफ्ट टॉय का आकार दे सकते हैं। आमतौर पर, बच्चों को अपने गैजेट्स या फेवरिट कार्टून कैरेक्ट काफी पसंद होता है और अगर आप इसी स्वरूप के सॉफ्ट टॉय बनाते हैं तो यकीनन बच्चों के दिल को वह अवश्य खुश करेंगे। वहीं एक सॉफ्ट टॉय मेकर के कार्यक्षेत्र में अपने काम की अच्छी तरह मार्केटिंग करना, कच्चा माल खरीदने व तैयार किए हुए सॉफ्ट टॉय को सही ढंग से सप्लाई करने पर भी पर्याप्त ध्यान देना होता है। 

योग्यता

एक सॉफ्ट टॉय मेकर बनने के लिए किसी प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन सॉफ्ट टॉय बनाने का हुनर सीखने के लिए आप विभिन्न संस्थानों से टॉय मेकिंग कोर्स कर सकते हैं। कोर्स की अवधि एक महीने से शुरू होकर छह महीने तक की होती है। 

संभावनाएं

कहते हैं कि कला की कोई कीमत नहीं होती। आप भी सॉफ्ट टॉयज बनाने की कला सीखकर दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर सकते हैं। इस क्षेत्र में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। आप विभिन्न टॉय मेकिंग कंपनियों में काम कर सकते हैं या फिर इसमें स्वरोजगार की तलाश भी कर सकते हैं। आप अपने घर से ही टॉय मेकिंग बिजनेस शुरू कर सकते हैं और अपने तैयार किए माल को विभिन्न टॉय शॉप व होलसेलर्स के पास बेच सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप अपनी एक दुकान खोलकर उसमें भी खुद तैयार किए हुए सॉफ्ट टॉय कम दामों पर बेच सकते हैं। वहीं आप अपनी यह कला दूसरों को सिखाकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए आप सॉफ्ट टॉय मेकिंग कोर्स चला सकते हैं।

आमदनी

इस क्षेत्र में आमदनी इस बात पर निर्भर करेगी कि आपको कितना बड़ा आर्डर मिलता है। वहीं अगर आप खुद की दुकान खोलते हैं तो टॉय के साइज के हिसाब से एक खिलौने के 200−300 रूपए से लेकर सात−आठ हजार रूपए तक चार्ज कर सकते हैं। इसलिए आप अपने काम को मन लगाकर कीजिए, आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं होगी।

प्रमुख संस्थान

इंस्टीटयूट ऑफ टॉय मेकिंग टेक्नोलॉजी, कोलकाता

हिमांशु आर्ट इंस्टीटयूट, विभिन्न केन्द्र

ग्यानेश्वरी इंस्टीट्यूट टीचिंग एंड परफार्मिंग आर्टस, नोएडा

एमकेएसएसएस, पुणे

-वरूण क्वात्रा

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