वास्तुशास्त्र में बनाएं कॅरियर, आपका भी और दूसरों का भी होगा बड़ा फायदा

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कुछ लोग वास्तुशास्त्री के काम को काफी हद तक आर्किटेक्चर के समान ही समझते हैं, जबकि वास्तव में यह दोनों अलग−अलग क्षेत्र हैं। दरअसल, वास्तुशास्त्री का काम भवन निर्माण करना नहीं होता, बल्कि वह दिशाओं के आधार पर आर्किटेक्चर को मकान, दुकान या किसी भवन के निर्माण के डिजाइन को तैयार करवाने में मदद करता है।

पिछले कुछ वक्त से लोगों का विश्वास वास्तुशास्त्र पर काफी बढ़ा है। आज लोग अपनी प्रोफेशनल लाइफ से लेकर पर्सनल लाइफ में सक्सेस, खुशी व संतुष्टि पाने के लिए वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने लगे हैं। चाहे घर बनवाना हो या ऑफिस या फिर अपने कॅरियर का चयन करना हो, व्यक्ति एक बार वास्तुशास्त्री की राय जरूर लेता है। दरअसल, यह एक ऐसी विद्या है, जिसमें विभिन्न दिशाओं व उनकी उर्जा के सकारात्मक प्रभाव को आकर्षित किया जाता है, जिससे व्यक्ति को अधिकाधिक लाभ मिलता है। अगर आप चाहें तो इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकते हैं−

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क्या होता है काम

कुछ लोग वास्तुशास्त्री के काम को काफी हद तक आर्किटेक्चर के समान ही समझते हैं, जबकि वास्तव में यह दोनों अलग−अलग क्षेत्र हैं। दरअसल, वास्तुशास्त्री का काम भवन निर्माण करना नहीं होता, बल्कि वह दिशाओं के आधार पर आर्किटेक्चर को मकान, दुकान या किसी भवन के निर्माण के डिजाइन को तैयार करवाने में मदद करता है। अर्थात वास्तुशास्त्र के हिसाब से ड्राइंग रूम, बेडरूम, किचन, बाथरूम या खिड़की−दरवाजे आदि कहां पर होने चाहिए। इसके अतिरिक्त वह अपने क्लाइंट की जरूरत व समस्या को समझकर उसके अनुरूप अपनी राय देते हैं।

स्किल्स

इस क्षेत्र में भविष्य देख रहे छात्रों को सबसे पहले आपको इसके सिद्धांतों व बारीकियों के बारे में पता होना चाहिए। साथ ही आपको भौगोलिक प्रक्रियाओं की भी अच्छी समझ होनी चाहिए। चूंकि एक वास्तुशास्त्री को कई तरह के लोगों के साथ डील करना होता है, इसलिए आपमें धैर्य व बेहतर कम्युनिकेशन स्किल भी होने चाहिए। 

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योग्यता

एक प्रोफेशनल वास्तुशास्त्री बनने के लिए आप 12वीं के बाद इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स कर सकते हैं। वास्तुशास्त्र में आप सर्टिफिकेट से लेकर डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। यूं तो किसी भी विषय के छात्र यह कोर्स कर सकते हैं, लेकिन अगर 12वीं में आपके पास विज्ञान विषय होगा तो आपके लिए करियर की राह काफी आसान हो जाएगी।

संभावनाएं

शुरूआत में आप किसी अनुभवी वास्तुशास्त्री के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। थोड़ा अनुभव प्राप्त हो जाने के बाद आप खुद की कंसल्टेंसी फर्म खोल सकते हैं। इस क्षेत्र में स्वरोजगार की भी काफी संभवनाएं हैं। साथ ही आज के समय में विभिन्न इंटीरियर डिजाइनिंग या कंस्टक्शन कंपनियों में भी काम की तलाश कर सकते हैं। उन्हें हमेशा ही अनुभवी वास्तुशास्त्रियों की जरूरत पड़ती है। 

आमदनी

इस क्षेत्र में आमदनी अनुभव के आधार पर बढ़ती ही चली जाती है। अगर आपकी खुद की कसंल्टेंसी फर्म है तो आप अपने हिसाब से चार्ज कर सकते हैं। वहीं अगर आप किसी फर्म में जॉब करते हैं तो आपकी शुरूआती सैलरी 20000 से 30000 रूपए तक हो सकती है।

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प्रमुख संस्थान

फ्यूचर प्वॉइंट, ओखला, नई दिल्ली

इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस, जयपुर, राजस्थान

इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक वास्तु विजन, पंजाबी बाग, नई दिल्ली

वास्तु वर्ल्ड, पुणे, महाराष्ट्र

श्रीलालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली

इंस्टीटयूट ऑफ वैदिक वास्तु विजन, नई दिल्ली

श्री सांई एस्ट्रो वास्तु रिसर्च इंस्टीट्यूट, रामनगर, उत्तराखंड

वरूण क्वात्रा

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