राहुल गांधी को पार्टियां पसंद हैं तो इस बात पर हंगामा खड़ा करने की क्या जरूरत है?

Rahul Gandhi
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राहुल गांधी के बारे में यही कहा जाता है कि वह हर बार नये वर्ष की छुटि्टयां मनाने विदेश चले जाते हैं। नये वर्ष की छुटि्टयां विदेश में मनाना राहुल गांधी को इतना पसंद है कि वह इस बात की परवाह भी नहीं करते कि भारत में उनके लिए कितना जरूरी काम है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नेपाल के एक पब में नजर आये तो हंगामा मच गया। देखा जाये तो इसमें गलत कुछ भी नहीं था क्योंकि हर व्यक्ति का अपना एक निजी जीवन होता है जिसमें वह मनमाफिक चीजें करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन जो लोग सार्वजनिक जीवन में हैं उन्हें राजनीतिक शुचिता का ख्याल रखना ही चाहिए। राहुल गांधी के पब वाले वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि वह एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गये हैं। लेकिन इतने भर से नुकसान की भरपाई नहीं होगी। संभव है कांग्रेस को यह वीडियो अभी नुकसान नहीं पहुँचाये लेकिन चुनावों के समय यह वीडियो दूसरे पक्ष का हथियार बनेगा।

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इस मामले में सबसे बड़ा सवाल इस बात पर उठ रहा है कि राहुल गांधी क्यों भारत विरोधी रुख रखने वाली नेपाली महिला मित्र के साथ खड़े नजर आ रहे हैं? नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के जिन क्षेत्रों को नेपाली बताते हुए नया नेपाली मानचित्र जारी किया था उसका राहुल गांधी की नेपाली महिला मित्र ने कथित तौर पर समर्थन किया था। यही नहीं राहुल गांधी की उक्त नेपाली महिला मित्र चीन की करीबी भी मानी जाती हैं। भाजपा इसी बात को बड़ा मुद्दा बना रही है इसलिए जब-तब चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने वाले राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए आने वाले वक्त में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

अगर बात सिर्फ राहुल गांधी की पार्टी की ही करें तो यह उन पर विदेश में 'इन्जवॉय' करने का आरोप पहली बार नहीं लगा है। राहुल गांधी के बारे में यही कहा जाता है कि वह हर बार नये वर्ष की छुटि्टयां मनाने विदेश चले जाते हैं। नये वर्ष की छुटि्टयां विदेश में मनाना राहुल गांधी को इतना पसंद है कि वह इस बात की परवाह भी नहीं करते कि भारत में उनके लिए कितना जरूरी काम है। एकाध बार तो संसद के शीतकालीन सत्र को बीच में छोड़कर वह छुट्टी मनाने विदेश चले गये। यही नहीं साल 2022 का स्वागत राहुल गांधी विदेश में ऐसे वक्त पर कर रहे थे जब अन्य राजनीतिक पार्टियां पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही थीं। नये वर्ष के अलावा भी राहुल गांधी बीच-बीच में विदेश दौरे पर चले जाते हैं और इस बात को भाजपा और अन्य पार्टियां चुनावी मुद्दा बनाती हैं।

राहुल गांधी की नेपाल वाली पार्टी पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि हमारे राजनीतिज्ञ जनता के बीच शुरू से ही खुद को बिलकुल साफ-सुथरा, चरित्रवान, ईमानदार, धर्म परायण और दयालु स्वभाव के व्यक्ति के रूप में पेश करते हैं। इसलिए यदि किसी पार्टी का प्रमुख नेता शराब या सिगरेट पीते, पब या डांस बार में मनोरंजन करते या अपनी महिला मित्रों के साथ दिख जाये तो बड़ा हंगामा मच जाता है और कई बार नेता की कुर्सी भी चली जाती है। जबकि विदेशों में तो राजनेता अक्सर पार्टियां करते और मनोरंजन कार्यक्रमों में भाग लेते हुए देखे जाते हैं लेकिन कोई हंगामा नहीं खड़ा होता।

बहरहाल, राहुल गांधी का पार्टी करना लोगों को इसलिए भी नागवार गुजर रहा है क्योंकि एक ओर पूरी कांग्रेस इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है लेकिन राहुल गांधी इन पलों को इन्जवॉय कर रहे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद से कांग्रेस का भविष्य डांवाडोल नजर आ रहा है लेकिन राहुल गांधी इन्जवॉय कर रहे हैं। कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं लेकिन राहुल गांधी इन्जवॉय कर रहे हैं। कांग्रेस तीन साल से अपने अध्यक्ष का चुनाव नहीं करवा पा रही है लेकिन राहुल गांधी इन्जवॉय कर रहे हैं।

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यही नहीं, इस साल और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां कांग्रेस को छोड़कर अन्य पार्टियां शुरू कर चुकी हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान कब जागेगा, इस बात का इंतजार उसकी प्रदेश इकाइयां अब तक कर रही हैं। विभिन्न राज्यों में कांग्रेस संगठन में जो आंतरिक मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, उस पर काबू कैसे पाया जायेगा इसका फार्मूला तैयार करने का राहुल गांधी के पास वक्त नहीं है। यही नहीं जी-23 गुट के दबाव में उदयपुर में चिंतन शिविर के आयोजन की घोषणा हो चुकी है। मगर उस चिंतन शिविर में क्या चिंतन करना है, कितना चिंतन करना है, इस पर मंथन करने की बजाय राहुल गांधी पार्टी करते नजर आ रहे हैं तो सवाल उठेंगे ही।

-नीरज कुमार दुबे

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