अगले एफटीपी में देश अब भी काफी संख्या में वनडे शामिल कर रहे हैं: आईसीसी सीईओ अलार्डिस
वसीम अकरम और रवि शास्त्री जैसे महान क्रिकेटरों ने घरेलू टी20 लीग का काफी समर्थन किया है जो तेजी से फैल रही हैं और वनडे की जगह कम करती जा रही हैं लेकिन अलार्डिस को लगता है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालात इतने चिंताजनक नहीं हैं, उन्होंने कहा, ‘‘अगले एफटीपी (2023-27) में देश काफी संख्या में वनडे को शामिल कर रहे हैं इसलिये एफटीपी में आपको वनडे की संख्या में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखेगा। ’’
नयी दिल्ली, 27 जुलाई। विश्व क्रिकेट में 50 ओवर के प्रारूप का भविष्य विवाद का विषय बना हुआ है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ज्योफ अलार्डिस को इस प्रारूप की दिलचस्पी में कोई खास गिरावट नहीं दिखती क्योंकि अगले भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) चक्र में अच्छी खासी संख्या में वनडे शामिल किये गये हैं।
वसीम अकरम और रवि शास्त्री जैसे महान क्रिकेटरों ने घरेलू टी20 लीग का काफी समर्थन किया है जो तेजी से फैल रही हैं और वनडे की जगह कम करती जा रही हैं लेकिन अलार्डिस को लगता है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालात इतने चिंताजनक नहीं हैं, उन्होंने कहा, ‘‘अगले एफटीपी (2023-27) में देश काफी संख्या में वनडे को शामिल कर रहे हैं इसलिये एफटीपी में आपको वनडे की संख्या में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखेगा। ’’
उन्होंने यहां वर्चुअल मीडिया कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘‘वनडे की प्रासंगिकता के बारे में हमने खेल के ढांचे पर बात की और उन्हें एफटीपी में किस तरीके से शामिल किया जा रहा है, इस बारे में भी। ’’ आईसीसी सीईओ ने कहा, ‘‘देशों और विभिन्न देशों के प्रशसंकों की प्रारूप के संबंध में अपनी अपनी पसंद है। मुझे लगता है कि इस चरण में कुछ चर्चायें हुई जो विशेष रूप से वनडे के बारे में नहीं थी बल्कि कैलेंडर के अंदर प्रारूपों के मिश्रण के बारे में थीं। ’’
हाल में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने बात की थी कि 90 के दशक में वनडे त्रिकोणीय श्रृंखला कितनी लोकप्रिय हुआ करती थीं लेकिन 2000 के शुरू में ये बिलकुल ही खत्म हो गयी जिसकी जगह कई द्विपक्षीय श्रृंखलायें खेली जा रही हैं। अलार्डिस ने कहा, ‘‘चतुष्कोणीय श्रृंखलाओं का कार्यक्रम बनाना सदस्यों के लिये उपलब्ध नहीं है लेकिन त्रिकोणीय श्रृंखला हो सकती है। लेकिन इस समय इन्हें बनाना भी आसान काम नहीं है, कई देशों को एक ही समय में एक जगह खिलाना आसान नहीं है क्योंकि कैलेंडर की प्रतिबद्धतायें भी होती हैं। इसलिये पहले यह जितना आसान था, अब एफटीपी में इसे शामिल करना उतना आसान नहीं है। ’’
अलार्डिस ने स्वीकार किया कि काफी सदस्यीय देश अपनी घरेलू टी20 लीग पर अधिक जोर दे रहे हैं लेकिन क्रिकेट के लिये संतुलन बनाना जरूरी है और खिलाड़ियों को ज्यादा नहीं थकने देना प्रत्येक देश के अपने हाथों में है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देश अपनी घरेलू लीग पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। ’’ लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इन देशों ने अपनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखायी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पिछले कुछ दिनों में हमने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मजबूत प्रतिबद्धता देखी है। लेकिन सदस्यों को घरेलू प्रतियोगिता, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम और अपने खिलाड़ियों के प्रबंधन के बीच संतुलन बनाना होगा। ’’ अलार्डिस ने कहा, ‘‘हर देश के अलग हालात है और एक ही तरीका हर किसी के लिये काम नहीं करेगा।
घरेलू लीग काफी चलन में आ गयी हैं लेकिन प्रत्येक सदस्य को अलग अलग तरीकों से संतुलन बनाना होगा। ’’ यह पहली बार है जब आईसीसी के पास महिलाओं के लिये एफटीपी होगा। आईसीसी के एफटीपी कार्यक्रम को मुख्य कार्यकारी समिति की मंजूरी मिल गयी है और अगले पांच साल का कार्यक्रम कुछ दिन में आ जायेगा। अलार्डिस ने कहा, ‘‘पहली बार हमने महिलाओं के लिये एफटीपी के लिये लंबे समय की योजना बनायी है ताकि प्रसारकों, प्रायोजकों और प्रशंसकों को निश्चितता दी जा सके कि काौन साल के किस समय खेल रहा है। अब आपको महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिये मजबूत कैलेंडर मिलेगा।
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