श्रीलंका के वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान अर्जुन रणतुंगा की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तार करने की हो रही तैयारी, जानें पूरा मामला

आयोग ने कोलंबो मजिस्ट्रेट असंगा बोदारगामा को बताया कि अर्जुन विदेश में थे और उनके लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पूर्व मंत्री के बड़े भाई धम्मिका रणतुंगा, जो उस समय सरकारी स्वामित्व वाली सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष थे, को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
श्रीलंका के विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान अर्जुन रणतुंगा गिरफ्तार हो सकते हैं। श्रीलंका के अधिकारियों ने अर्जुन रणतुंगा को पेट्रोलियम मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार करने की योजना बनाई है। भ्रष्टाचार विरोधी संस्था के अनुसार, रणतुंगा और उनके भाई पर दीर्घकालिक तेल खरीद अनुबंध देने की प्रक्रिया में बदलाव करने और अधिक लागत पर तत्काल खरीद करने का आरोप है। रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित आयोग के मुताबिक, 2017 में हुए सौदों के समय, "27 खरीदों से राज्य को कुल 800 मिलियन श्रीलंकाई रुपये (लगभग 23.5 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था।"
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आयोग ने कोलंबो मजिस्ट्रेट असंगा बोदारगामा को बताया कि अर्जुन विदेश में थे और उनके लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पूर्व मंत्री के बड़े भाई धम्मिका रणतुंगा, जो उस समय सरकारी स्वामित्व वाली सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष थे, को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। मजिस्ट्रेट ने धम्मिका पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया, जो श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका के दोहरी नागरिकता रखते हैं।
अगली सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित है। 62 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज अर्जुन ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर 1996 क्रिकेट विश्व कप जीता था, जो श्रीलंका के लिए क्रिकेट की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। रणतुंगा बंधुओं के खिलाफ मामला राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की सरकार द्वारा चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। दिसानायके पिछले साल सत्ता में आए थे और उन्होंने व्यापक भ्रष्टाचार से निपटने का वादा किया था।
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रणतुंगा बंधुओं में से एक अन्य भाई, प्रसन्ना, जो पूर्व पर्यटन मंत्री हैं, को पिछले महीने बीमा धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला अभी लंबित है, लेकिन इससे पहले जून 2022 में उन्हें एक व्यवसायी से जबरन वसूली के आरोप में दोषी ठहराया गया था। उन्हें दो साल की निलंबित कारावास की सजा सुनाई गई है।
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