क्रिकेट का वो किस्सा जहां एक रैफरी ने लगा दिया था पांच भारतीय खिलाड़ियों पर बैन

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मामला और ज्यादा गर्म आ गया था क्योंकि यहां से यह तो समझ में आ गया था कि भारतीय खिलाड़ियों पर जो बैन लगा है वापस नहीं लिया जाने वाला। आईसीसी और डेनेस भी सफाई देने के मूड में नहीं थे। भारतीय क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों के साथ था। और उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि उनके साथ न्याय होगा।

हम आज आपको क्रिकेट का एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसमें मैच रफरी ने भारत के 6 खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया था। बैन लगा तो पोर्ट एलिजाबेथ में था लेकिन उसकी गूंज भारतीय संसद तक सुनाई दी। आइए जानते हैं वह किस्सा।

भारत और साउथ अफ्रीका क्रिकेट में बेहद दोस्ताना रिश्ते रखते हैं। एपरथीड वाले पूरे मामले से 22 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से गायब रहने वाली दक्षिण अफ्रीका जब भारतीय मैदान कोलकाता में क्रिकेट खेलने उतरी तो क्लाइव राइस की शुक्रियादा किया था। यह फ्रीडम सीरीज तीन वनडे मैचों की थी। लेकिन हमारा किस्सा इससे 10 साल आगे का है।

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भारतीय टीम साउथ अफ्रीका में थी पहला टेस्ट अफ्रीका ने बड़ी आसानी से जीत लिया था। यह वीरेंद्र सहवाग का पहला मैच था जिसमें सहवाग ने सेंचुरी मारी थी। इसी में सचिन तेंदुलकर ने भी सेंचुरी मारी थी। सचिन और सहवाग के बीच 220 रन की पार्टनरशिप तो हुई लेकिन उन्हें छोड़कर कोई और बल्लेबाज मैदान पर टिक नहीं पाया ऑल टीम इंडिया 379 रन पर ऑल आउट हो गई। इसका जवाब देने उतरी साउथ अफ्रीका के दो बल्लेबाजों ने सेंचुरी मारी। साउथ अफ्रीका ने यह मैच 9 विकेट से जीत लिया था।

 अब आते हैं उस मैथ की कहानी पर जिसमें यह बैन बाला सारा घटनाक्रम हुआ था। तो कहानी यह है की दूसरा टेस्ट मैच पोर्ट एलिजाबेथ में खेला जा रहा था। पहली पारी में साउथ अफ्रीका ने 362 रन बनाए थे। लेकिन भारतीय बल्लेबाज अच्छी बैटिंग नहीं कर पाए और 201 रन पर पूरी टीम ऑल आउट हो गई। भारत को 395 रन का लक्ष्य मिला। पिच की स्थिति को देखते हुए सब यही मान रहे थे की मैच ड्रॉ होगा। और हुआ भी बिल्कुल वही। लेकिन इसी ड्रॉ में ऐसी कहानी घटी कि सचिन तेंदुलकर समेत भारत के पांच खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया गया।

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मैच के दौरान सहवाग ने एक कैच पकड़ा था और अंपायर को अपील करने लगे थे, पर अंपायर ने उस कैच की अपील को नहीं माना। इसी वक्त सहवाग के मुंह से कुछ ऐसा निकल गया। जिसे लोग बोलने में परहेज करते हैं, जो शब्द अंग्रेजी के f से शुरू होकर  पर  खत्म हो जाता है।

सचिन को बोलिंग करते हम सब ने देखा है इस मैच में भी वो अच्छी बॉलिंग कर रहे थे। लिहाजा कमेंट्री बॉक्स में उनकी बॉलिंग को लेकर बातें होने लगी। मैदान पर लगे कैमरे सचिन तेंदुलकर की तरफ मुड़ गए। इसी दौरान कैमरामैन ने कैद किया कि, सचिन अपने नाखून से बॉल को कुरज रहे थे। इसका रीप्ले जब टीवी पर दिखाया गया तो मैच रैफरी  माइक डेनेस ने स्वता संज्ञान लेते हुए इसकी फुटेज मंगाई और देखा। सचिन जो कर रहे थे वह नियमों के विरुद्ध था।

 सहवाग, हरभजन, शिव सुंदर दास और दीप दासगुप्ता को बहुत ज्यादा अपील करने की वजह से बैन किया गया था। इस तरह माइक डेनेस ने इन खिलाड़ियों को बैन किया था। इस बैन  के लपेटे में सौरभ गांगुली भी आ गए थे क्योंकि मैच रैफरी को लग रहा था की कप्तान साहब अपने खिलाड़ियों पर कंट्रोल नहीं रख रहे थे।  हरभजन, सहवाग दीप दासगुप्ता और शिव सुंदर दास शिकायत फील्ड पर रहे अंपायरों ने की थी जिस कारण उन पर बैन लगाया गया।

 मैच पर बैन की जानकारी भारतीय खिलाड़ियों को दे दी गई थी। भारतीय खिलाड़ी इस बात से नाराज थे। जल्दी ही यह खबर मीडिया में आ गई। इसे लेकर भारतीय मीडिया में भी बवाल मच गया, नस्लभेद के आरोप लगने लगे और जगह-जगह माइक डेनिस के पुतले जलाए जाने लगे। एक तरफ तो यह सारी चीजें घटित हो रही थी दूसरी ओर पांचवें दिन भारतीय टीम ने मैदान पर न उतरने का फैसला किलेकिन ऐसा हुआ नहीं और खेल पांचवें दिन भी हुआ नतीजा यह मैच ड्रॉ रहा।

 जब ऐसा लगने लगा इस फैसले से नाराज होकर भारतीय टीम बाटी के मैच ना खेले तो साउथ अफ्रीका के क्रिकेट बोर्ड के सीईओ जेरौल्ड  मजोला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और माइक डेनिस को भी साथ ले गए।भारतीय पत्रकारों के लिए माइक डेनेस से सवाल पूछने का मौका था डेनेस  की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। और प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई।

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मामला और ज्यादा गर्म आ गया था क्योंकि यहां से यह तो समझ में आ गया था कि भारतीय खिलाड़ियों पर जो बैन लगा है वापस नहीं लिया जाने वाला। आईसीसी और डेनेस भी सफाई देने के मूड में नहीं थे। भारतीय क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों के साथ था। और उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि उनके साथ न्याय होगा।

 अफ्रीका ने भी आईसीसी को किनारे करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड से बात की। और दोनों इस बात पर राजी हुए की मैच रेफरी माइक डेनेस  को हटाया जाएगा। इस बात की खबर जब आईसीसी को लगी तो उसने इस पर आपत्ति जताई। आईसीसी ने कहा कि अगर मैच रेफरी को हटाया गया, तो वह इस मैच को ऑफिशियल दर्जा नहीं देगा। अंततः आईसीसी ने 6 में से 5 खिलाड़ियों का बैन वापस लिया। केवल सहवाग पर ही बन रहा।  क्योंकि बीसीसीआई और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी की बात को अनसुना कर दिया इसलिए इस मैच को ऑफिशियल मैच का दर्जा नहीं मिला।

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