अपनी फिटनेस से टीम के लिये मिसाल बनना चाहती हूं : हरमनप्रीत
हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैने टीम के लिये लक्ष्य तय किये हैं और फिटनेस सबसे अहम है। कौशल के लिये हमारे पास कोच हैं लेकिन मैं फिटनेस के लिये खुद अपने खिलाड़ियों के सामने मिसाल पेश करना चाहती हूं।’’
पल्लीकल| श्रीलंका के खिलाफ वनडे श्रृंखला से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्णकालिक कप्तान के रूप में शुरूआत करने जा रही हरमनप्रीत कौर ने कहा कि वह अपनी टीम की फिटनेस और फील्डिंग के स्तर में सुधार चाहती हैं।
टी20 कप्तान हरमनप्रीत को मिताली राज के संन्यास लेने के बाद वनडे टीम की कमान भी सौंपी गई है। श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला शुक्रवार से शुरू होगी जो वनडे कप्तान के रूप में उनकी पहली चुनौती है।
हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैने टीम के लिये लक्ष्य तय किये हैं और फिटनेस सबसे अहम है। कौशल के लिये हमारे पास कोच हैं लेकिन मैं फिटनेस के लिये खुद अपने खिलाड़ियों के सामने मिसाल पेश करना चाहती हूं।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ फिटनेस और फील्डिंग में सुधार की जरूरत है। यदि ऐसा हो गया तो आप सर्वश्रेष्ठ टीम बन सकते हैं।’’ काफी समय से टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि उन्हें कप्तानी में मजा आता है और पूर्णकालिक कप्तान बनने का कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है।
उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैं कप्तानी कर रही होती हूं तो अधिक जुड़ाव महसूस करती हूं। इससे मेरा आत्मविश्वास बढता है।
मैदान पर नेतृत्व कौशल मेरे भीतर कुदरती है।’’ हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ इतने साल से कप्तानी के बाद चीजें आसान हो गई हैं। मुझे अतिरिक्त दबाव महसूस नहीं होता। अगर मैं कप्तान के तौर पर खेल का आनंद लूंगी तो बाकी भी लेंगे। खिलाड़ियों को आजादी देने पर प्रदर्शन बेहतर होता है और यही मेरा लक्ष्य है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ उम्मीद है कि हमारे साथ खेल मनोवैज्ञानिक भी फिर होंगी। मुग्धा मैम ने हमारे लिये बहुत कुछ किया।
विश्व कप में उन्होंने मेरी काफी मदद की। टीम को उनके जैसे लोगों की जरूरत है। दुख की बात है कि वह इस दौरे पर हमारे साथ नहीं है।’’ मग्धा बर्वे विश्व कप के दौरान खेल मनोवैज्ञानिक के तौर पर टीम के साथ थी। आईसीसी चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने हाल ही में महिला टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर चिंता जताई थी।
हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मैने अपने कैरियर में दो या तीन टेस्ट ही खेले हैं। अधिक खेलने पर ही पता चलेगा कि भविष्य कैसा है।हम टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं क्योंकि वही देखकर हम बड़े हुए हैं।
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