शादी के बंधन में बंधने वाले थे किशन हलाई और रूपल वेकारिया, आग ने छीन ली दोनों की जिंदगी
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भुज (गुजरात)। मुंबई के एक होटल में रविवार को आग लगने से जान गंवाने वाले अनिवासी भारतीय (एनआरआई) किशन हलाई और उनकी 25 वर्षीय मंगेतर रूपल वेकारिया महाराष्ट्र की राजधानी से रवाना होने के बाद नैरोबी जाकर शादी करने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
भुज (गुजरात)। मुंबई के एक होटल में रविवार को आग लगने से जान गंवाने वाले अनिवासी भारतीय (एनआरआई) किशन हलाई और उनकी 25 वर्षीय मंगेतर रूपल वेकारिया महाराष्ट्र की राजधानी से रवाना होने के बाद नैरोबी जाकर शादी करने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। आग लगने की इस घटना में हलाई और वेकारिया समेत तीन लोगों की मौत हो गई। गुजरात के कच्छ जिले की मांडवी तालुका के रूपनगर गांव के सरपंच सुरेश कारा ने कहा कि हलाई, रूपल, उनकी मां और बहन की उड़ान के समय में बदलाव के बाद संबंधित विमानन कंपनी ने उपनगर सांताक्रूज में स्थित चार मंजिला गैलेक्सी होटल में उनके ठहरने की व्यवस्था की थी।
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हलाई और रूपल के परिवार रामपर गांव से संबंध रखते हैं। अधिकारियो के अनुसार, रविवार को दोपहर में होटल की तीसरी मंजिल पर आग लग गई, जिसमें किशन हलाई (28), रूपल वेकारिया (25) और एक अन्य व्यक्ति कांतिलाल वारा (50) की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि घटना में रूपल की मां मंजुलाबेन (49), बहन अल्पा (19) व असलम शेख (48) घायल हो गए। कारा ने कहा, “हलाई और उनकी मंगेतर रूपल वेकारिया कई साल से नैरोबी में बसे हुए थे।” अन्य मृतक कांतिलाल वारा वेकारिया और हलाई से संबंध नहीं रखते। कारा के मुताबिक, कई साल पहले विदेश में बसने के बावजूद किशन और रूपल का परिवार अपनी जड़ों से जुड़ा रहा और रामपर गांव में उनके पुश्तैनी मकान आज भी मौजूद हैं।
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कारा ने बताया, “किशन और रूपल की सगाई हो चुकी थी और वे नैरोबी पहुंचने के तुरंत बाद शादी करने की योजना बना रहे थे, जहां वे अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ कई वर्षों से रह रहे थे। किशन, रूपल और उनके परिवार गांव में किशन के छोटे भाई की शादी में शामिल होने के लिए लगभग एक महीने पहले भारत आए थे।” कारा ने कहा, “नैरोबी जाने के लिए वे सभी शनिवार को अहमदाबाद से मुंबई पहुंचे। जब उड़ान के समय में बदलवा किया तो विमानन कंपनी ने उन्हें सांताक्रूज़ के पास के एक होटल में ठहराया, जहां रविवार को आग लग गई।
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