15 साल तक स्पीकर रहीं नैन्सी पेलोसी का पद से हटना अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है

Nancy Pelosi
ANI
गौतम मोरारका । Nov 20 2022 9:03AM

नैन्सी पेलोसी के ऐलान का कारण तलाशें तो साफतौर पर प्रतीत होता है कि उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि रिपब्लिकन ने मध्यावधि चुनावों में हाउस डेमोक्रेट्स पर बहुत कम अंतर से जीत हासिल की है और वह जनवरी में बहुमत वाली पार्टी के रूप में पदभार संभालेंगे।

अमेरिका में डेमोक्रेट सांसद और सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ऐलान करते हुए कहा है कि वह हाउस लीडरशिप और स्पीकरशिप त्याग रही हैं। 15 साल तक इस पद पर रहीं नैन्सी पेलोसी के इस ऐलान से दुनिया हैरान है क्योंकि वह इतने लंबे समय तक अमेरिका में प्रमुख राजनीतिक पद पर बनी रहीं साथ ही विदेशों में भी उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर जिस तरह अपने देश का प्रतिनिधित्व किया उसका व्यापक प्रभाव रहा था। हाल ही में जब चीन की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए नैन्सी पेलोसी ताइवान के दौरे पर गयी थीं तो पूरी दुनिया आश्चर्य से देखती रह गयी थी।

नैन्सी पेलोसी ने बिल क्लिंटन से लेकर जो बाइडन तक कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है इसलिए उनके व्यापक अनुभव को देखते हुए यही प्रतीत होता है कि अमेरिकी सरकार उनकी सेवाएं कहीं और जरूर लेगी। फिलहाल तो नैन्सी पेलोसी के ऐलान का कारण तलाशें तो साफतौर पर प्रतीत होता है कि उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि रिपब्लिकन ने मध्यावधि चुनावों में हाउस डेमोक्रेट्स पर बहुत कम अंतर से जीत हासिल की है और वह जनवरी में बहुमत वाली पार्टी के रूप में पदभार संभालेंगे। जनवरी 2023 की शुरुआत में पूर्ण सदन का मतदान लंबित होने के कारण केविन मैक्कार्थी को उनके जीओपी सहयोगियों द्वारा सदन के अगले अध्यक्ष के रूप में नामित भी कर दिया गया है।

अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था पर गौर करें तो स्पष्ट है कि राष्ट्रपति उत्तराधिकार की दूसरी पंक्ति में उपराष्ट्रपति के बाद, स्पीकर राष्ट्रीय सरकार में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। लेकिन आइये आपको बताते हैं कि दरअसल ऐसा क्या है जो एक स्पीकर वास्तव में करता है?

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि स्पीकरशिप एक पार्टी दायित्व है। हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं है। अध्यक्ष का चयन सदन की पूर्ण सदस्यता द्वारा किया जाता है, हालांकि बहुमत दल की मतदान शक्ति यह सुनिश्चित करती है कि यह भूमिका उनके अपने में से किसी एक के पास हो। देखा जाये तो कानून से लेकर लेखांकन तक स्पीकर अमूमन तीन प्राथमिक भूमिकाएं निभाता है-

सबसे पहले, स्पीकर सदन में बहुमत दल के सबसे अधिक दिखाई देने वाले और आधिकारिक प्रवक्ता होते हैं। स्पीकर एक एजेंडा स्पष्ट करते हैं और वाशिंगटन के अन्य अधिकारियों के साथ-साथ जनता को विधायी कार्रवाई की व्याख्या करते हैं। वे हाउस कमेटी के कार्यों की देखरेख करते हैं और फ्लोर डिबेट की संरचना के लिए शक्तिशाली हाउस रूल्स कमेटी के साथ सहयोग करते हैं।

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दूसरा, स्पीकर सदन के कामकाज का प्रबंधन करता है और विधायी नियमों का पालन करवाने की व्यवस्था करता है, स्पीकर सदन की बहस को इस तरह से संचालित करता है जो उनकी विधायी प्राथमिकताओं के अनुरूप हों। वैसे भी प्रतिनिधि सभा जैसे बड़े विधायी निकाय के प्रबंधन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए सख्त नियमों और प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक है।

तीसरा, स्पीकर सदन के लिए लेखांकन से लेकर खरीद तक सब कुछ देखता है।

हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिकी गणतंत्र के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, स्पीकरशिप ने धीरे-धीरे शक्ति प्राप्त की। 1910 तक, स्पीकर जो कैनन ने सत्ता को इस हद तक केंद्रीकृत कर दिया था कि उनकी अपनी पार्टी के कई सदस्यों ने विद्रोह कर दिया। स्पीकर की शक्ति समितियों और निचले स्तर के पार्टी नेताओं को पुनर्वितरित की गई थी।

1970 के दशक तक, समितियों ने विधायी फैसलों पर इतना नियंत्रण प्राप्त कर लिया था कि व्यापक सुधारों को अपनाया गया, जिसने सत्ता को वापस स्पीकर की तरफ स्थानांतरित कर दिया। अमेरिकी राजनीतिक इतिहास बताता है कि 1977 से 1995 तक, लगातार तीन डेमोक्रेटिक स्पीकर्स- थॉमस "टिप" ओ'नील, जिम राइट और टॉम फोले ने स्पीकरशिप को फिर से जीवंत किया। उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं के समर्थन को मजबूत करते हुए बहुसंख्यक दल के सदस्यों के बीच वफादारी के व्यापक नेटवर्क का निर्माण किया और साथ ही पार्टी नेतृत्व संरचना का विस्तार किया।

आज के दौर में देखा जाये तो स्पीकर की भूमिका स्पीकर न्यूट गिंगरिच द्वारा स्थापित परिवर्तनों से विशेष रूप से प्रभावित होती है, जिन्होंने 1994 के चुनावों के बाद यह पद संभाला था। न्यूट गिंगरिच, एक रिपब्लिकन के रूप में स्पीकर की भूमिका में खुले तौर पर पक्षपातपूर्ण थे। उन्होंने घोषणा की कि, वह "मूल रूप से जमीनी स्तर के आंदोलन के एक राजनीतिक नेता के रूप में देश की राजनीतिक संस्कृति के साथ-साथ संघीय सरकार को दोबारा बदलने से कम और कुछ नहीं चाहते।" गिंगरिच के कार्यकाल के बाद से, स्पीकर्स की अक्सर आलोचना की जाती है कि बहुत अधिक पक्षपातपूर्ण होते हैं और अल्पमत पार्टी के हितों को रौंदने में संकोच नहीं करते हैं। लेकिन आज के दौर में स्पीकर के काम की यही प्रकृति है।

-गौतम मोरारका

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