वर्ल्ड कप से पाक को बाहर निकालना आसान नहीं, ICC में भारत के पास बहुमत नहीं

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फिलहाल आईसीसी में भारत के पास बहुमत नहीं है और इस मामले पर वोटिंग हुई तो भारत का हारना तय है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत में होने वाले 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2023 वर्ल्ड कप की मेजबानी पर भी सवाल खड़े कर सकता है।

पुलवामा हमले के बाद पकिस्तान के साथ सभी रिश्ते खत्म करने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसका असर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट रिश्तों पर भी पड़ रहा है। भारत के क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने वाली बीसीसीआई की तरफ से आईसीसी को एक पत्र लिखा जाएगा। जिसमें पाकिस्तान को इंग्लैंड में इस साल मई में होने वाले वाले वर्ल्ड कप से बाहर रखने की मांग की जाएगी। बीसीसीआई के इस पत्र में आईसीसी से पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बैन करने की मांग होगी। भारत की तरफ से आईसीसी को कहा जाएगा कि कश्मीर के पुलवामा में जो कुछ भी हुआ उसका पाकिस्तान सीधे तौर पर जिम्मेदार है। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान भारत पर किसी भी तरह के हमले को नकार चुके हैं। लेकिन सबूतों के तौर पर ये नकारा नहीं जा सकता कि इस हमले का पाकिस्तान से संबंध नहीं है। 

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बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी की तरफ से तैयार किए गए पत्र की सीओए अध्यक्ष विनोद राय और इसके सदस्यों द्वारा मुहर लगी होगी। जिसके बाद ही इसे आईसीसी के सीईओ डेविड रिचर्डसन और वर्ल्ड कप के टूर्नामेंट निदेशक स्टीव एलवर्थी को भेजा जाएगा। साफ है बीसीसीआई के इस पत्र में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर करने पर कड़ा निर्णय लिया जाएगा क्योंकि अगर बीसीसीआई पीसीबी के साथ क्रिकेट के रिश्ते खत्म नहीं करेगा तो पाकिस्तान को किसी भी तरह का ठोस फर्क नहीं पड़ेगा। बीसीसीआई पहले ही पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहा है और अब आईसीसी के किसी टूर्नामेंट से पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलना काफी बड़ा फैसला हो सकता है।

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लेकिन सवाल ये है कि क्या भारत वर्ल्ड कप से पाकिस्तान को सही में बाहर कर सकता है क्योंकि भारत पाकिस्तान को हटाने के लिए आईसीसी को खत लिखता है तो सबसे पहले बीसीसीआई को अप्रैल में वार्षिक बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को रखने के लिए सहमति बनानी होगी। फिलहाल आईसीसी में भारत के पास बहुमत नहीं है और इस मामले पर वोटिंग हुई तो भारत का हारना तय है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत में होने वाले 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2023 वर्ल्ड कप की मेजबानी पर भी सवाल खड़े कर सकता है। जिसके बाद भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

इसके अलावा बीसीसीआई अगर फिर भी पीछे नहीं हट रहा होगा और आईसीसी पर ज्यादा दबाव बनेगा तो आईसीसी इसे वोटिंग के लिए सदस्यों के सामने रखेगा उस स्थिति में भी बीसीसीआई को दूसरे देशों से समर्थन मिलने की संभावना बेहद कम है। जाहिर है पाकिस्तान लगभग 7 दशक से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है। वहीं 1992 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान विजेता टीम भी है। जिसकी वजह से आईसीसी के ऊपर इस मुद्दे को लेकर काफी परेशानियां भी हैं। एक टेस्ट खेलने वाले देश की वजह से संवैधानिक या अनुबंध के जरिए पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर करने का आईसीसी के पास रास्ता साफ है लेकिन एक टेस्ट खेलने वाले देश की वजह से संवैधानिक या अनुबंध के जरिए पाकिस्तान को वर्ल्ड कप से बाहर करने का आईसीसी के पास कोई तरीका नजर नहीं आता है। 

लेकिन सवाल यह है कि अगर बीसीसीआई पाकिस्तान को बाहर करने के लिए अपनी जिद पर अड़ता है तो ये आईसीसी के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। बीसीसीआई इस समय दुनिया का सबसे अमीर और लोकप्रिय क्रिकेट बोर्ड है और बीसीसीआई के वर्ल्ड कप से बायकॉट पर इस टूर्नामेंट का सारा मजा खत्म हो जाएगा। भारत इस समय वर्ल्ड कप जीतने के दावेदारों में से एक है। टीम इंडिया 50 ओवरों के वर्ल्ड कप को 2 बार और टी-20 वर्ल्ड कप को एक बार अपने नाम कर चुकी है। वहीं भारतीय टीम इस समय आईसीसी रैंकिंग में टेस्ट में नंबर एक और वनडे में दूसरे पायदान पर है। भारत की तरफ से पाकिस्तान को बैन करने की मांग पर कड़ा फैसला नहीं लिया गया तो टीम इंडिया इस विश्व कप से अपने हाथ पीछे खींच सकती है।

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इस स्थिति में भारतीय टीम क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ से बाहर होती है तो टूर्नामेंट में रोमांच खत्म हो जाएगा। साथ ही बीसीसीआई की तरफ से इस मांग पर विश्व क्रिकेट की कुछ टीमें भी साथ देती हैं तो विश्व कप का आयोजन भी खतरे में पड़ सकता है। जाहिर है 27 फरवरी को आईसीसी की तरफ से कई मुद्दों पर मीटिंग की जानी है। इस बैठक में इस मसले पर भी बातचीत की जाएगी जहां इस सुलझाने का फैसला किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि आईसीसी किस तरफ फैसला झुकाएगा क्योंकि मामला इस बार काफी संवेदनशील है। इस बार खेल से ज्यादा मामला देश की सुरक्षा और आत्मसम्मान पर पहुंच चुका है। क्योंकि पाकिस्तान की कायराना हरकतों को देखकर इस देश के साथ किसी भी तरह के रिश्ते रखने की उम्मीद करना भ्रम सा लगता है। क्योंकि आज अगर बीसीसीआई फिर से पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना जारी रखता है, तो आगे भी इस तरह की चीजें आम हो जाएंगी। लेकिन अगर बीसीसीआई आईसीसी पर दबाव बनाकर कड़े फैसले लेता है तो इससे पाकिस्तान को कड़ा निर्देश जरूर जाएगा।

-दीपक कुमार मिश्रा

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