हालात ऐसे रहे तो वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच होने की संभावना बेहद कम

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हिंदुस्तान में क्रिकेट खेल ही नहीं एक धर्म की तरह है। इस खेल के खिलाड़ी हर भारतवासी के दिलों में छाए रहते हैं। इसके अलावा भी हॉकी, टेनिस, कबड्डी, मुक्केबाजी और रेसलिंग जैसे खेल हैं, जिसमें भारत हिस्सा लेता है।

खेल का मैदान हमेशा से दो लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है। भारत जैसे देश में खेल ही वह कारण है जब कई धर्मों के लोग आपस के मतभेद भुलाकर सिर्फ और सिर्फ अपने वतन के जीतने की कामना करते हैं। वैसे तो भारत में खेल कई हैं, लेकिन जब बात जुनून की आती है तो क्रिकेट सब पर हावी हो जाता है। हिंदुस्तान में क्रिकेट खेल ही नहीं एक धर्म की तरह है। इस खेल के खिलाड़ी हर भारतवासी के दिलों में छाए रहते हैं। इसके अलावा भी हॉकी, टेनिस, कबड्डी, मुक्केबाजी और रेसलिंग जैसे खेल हैं, जिसमें भारत हिस्सा लेता है। खेल के मैदान में भारत की सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान रही है। देशवासियों को इस मुल्क से हमेशा खेल के मैदान में मुकाबले का इंतजार रहता है। लेकिन पुलवामा में पाकिस्तान की कायराना हरकत के बाद अब सभी भारतवासी इस देश के खिलाफ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं चाहते हैं। समूचे हिंदुस्तान का मानना है कि जब तक आतंकवादियों का खात्मा नहीं होता और पाकिस्तान गंदी हरकतें करना बंद नहीं करता तब तक इस देश के साथ कोई भी मैच नहीं खेलना चाहिए। देशवासियों के साथ राजनेता, क्रिकेटर भी चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ खेल के मैदान पर हर तरह के रिश्ते बंद कर देना चाहिए।

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पुलवामा के हमले से पूरे देश को चोट पहुंची है। पूरा भारत गुस्से में है और शहादत का बदला चाहता है। इस गुस्से का असर देश के राज्य क्रिकेट संघों पर भी दिख रहा है। एक के बाद एक देश में राज्य क्रिकेट संघों ने अपने-अपने मुख्यालयों से पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें हटाने का फैसला किया है। मोहाली, जयपुर और मुंबई जैसी जगहों पर से पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीर को हटा दिया गया है। इमरान खान, जावेद मियांदाद और शाहिद अफरीदी जैसे खिलाड़ियों की तस्वीरों को ढंक दिया जा रहा है। ये सही भी है क्योंकि यही खिलाड़ी भारत जैसे देश से कमेंट्री और तमाम टीवी शो की वजह से लाखों रूपयों से अपनी झोलियां भरते जाते हैं। और जब बात अपने देश की कायराना हकरत पर बोलने की होती है तो इन्हीं खिलाड़ियों की जुबान बंद हो जाती है। भारत के डी-स्पो‌र्ट्स चैनल ने पाकिस्तान स्पो‌र्ट्स लीग के भारत में प्रसारण से इन्कार कर दिया है, वहीं रिलायंस ने पीसीसीएल के प्रसारण से अपने हाथ पीछे कर लिए हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। वैसे तो भारतीय क्रिकेट हर मायनों में इतना ताकतवर है कि उसे क्रिकेट खेलने के लिए पाकिस्तान से किसी भी तरह की जरूरत नहीं है। भारत इस समय दुनिया की मजबूत टीम में शुमार है। वहीं पाकिस्तान अभी भी जीत की राह पर आने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है। ये पाकिस्तान ही है जो भारत से मैच खेलने के लिए आईसीसी का दरवाजा खटखटाटा है और जब वह केस हार जाता है तो मुंह छुपाए फिरता है और फिर मैच खेलने के दूसरे रास्ते खोजने लगता है।

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वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान से नहीं टकराएगा भारत !

सीमित ओवरों के वर्ल्ड कप में अब ज्यादा नहीं बचा है। मई से शुरू होने वाले वर्ल्ड कप में भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ 16 जून को होना है। पुलवामा में हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ हर तरह के रिश्ते बंद होने के साथ ही वर्ल्ड कप के मैच रद्द करने की मांग भी उठ रही है। भारत लंबे समय से पाकिस्तान के साथ कोई दिपक्षीय सीरीज नहीं खेल रहा है। साल 2013 में आखिरी बार पाकिस्तान की टीम भारत मैच खेलने आई थी। जिसके बाद से पाकिस्तान के खिलाफ भारत सिर्फ आईसीसी के इवेंट में टकराया है। वर्ल्ड कप में तो पाकिस्तान की हालत काफी खराब है। क्रिकेट के सबसे बड़े रणकुंभ में जब भी पाकिस्तान भारत से टकराया है, उसे मुंह की खानी पड़ी है। वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच छह मुकाबले हुए हैं, उसमें से पाकिस्तान को हर बार हार मिली है। 1999 का वर्ल्ड कप आतंक की कहानी और पाकिस्तान की हरकतों को अच्छी तरह बयान करता है, जब भारत एक तरफ पाकिस्तान के साथ क्रिकेट के मैदान पर भिड़ रहा था और सीमा पर कारगिल की जंग चल रही थी। जाहिर है पाकिस्तान हर बार भारत के साथ क्रिकेट सीरीज खेलने की बात करता है। लेकिन हर बार वो पीठ में आतंक का खंजर मारता है। जिसकी वजह से पाकिस्तान के साथ खेल के मैदान में रिश्ता रखना भारत को किसी भी तरह मंजूर नहीं है। 


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साफ है आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की चुप्पी के बाद भारतीय टीम क्रिकेट को वर्ल्ड कप में तो क्या किसी भी खेल में इस देश के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए। क्योंकि जब तक आतंक के आका वाला ये देश अपनी हरकतों पर लगाम नहीं लगाता तब तक भारत को इस देश के साथ खेल के मैदान पर कोई भी रिश्ता मंजूर नहीं है। वर्ल्ड कप नजदीक है और भारत को कड़े फैसले लेने की जरूरत है। अगर टीम इंडिया वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच छोड़ती है तो शायद पाकिस्तान को इसका फायदा मुफ्त के अंक मिलने के रूप में मिले। लेकिन भारतीय टीम इस काबिल है कि वो आतंक के मसीहा वाले देश के खिलाफ मुकाबला ना खेल कर भी नॉकआउट में पहुंचने का माद्दा रखती है और विश्व क्रिकेट के सबसे बड़ी ट्रॉफी को जीतना भी जानती है।

-दीपक कुमार मिश्रा

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