अंतरराष्ट्रीय मानक वैश्विक विश्वास के सृजक हैं

विश्व मानक दिवस वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मानकीकरण के महत्व के रूप में नियामकों, उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

विश्व मानक दिवस वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मानकीकरण के महत्व के रूप में नियामकों, उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिन मानकों के विकास संगठनों के भीतर स्वैच्छिक मानकों को विकसित करने वाले हजारों विशेषज्ञों के प्रयासों को सम्मान देने के लिए भी मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तकनीकी फायदे हैं और इससे उत्पादों तथा सेवाओं को बेहतर बनाने तथा इनसे जुड़े उद्योगों को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलती है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक मानकीकरण की दिशा में जो भी अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं, उनका फायदा विकासशील देशों को ही मिलेगा, इससे न केवल उनके व्यापार में बढ़ोतरी होगी बल्कि सामाजिक−आर्थिक क्षेत्र में भी बदलाव आएगा। मानक के माध्यम से आज पूरा विश्व एक दूसरे से जुडा हुआ है। हमारा डेबिट, क्रेडिट कार्ड प्रत्येक एटीएम मशीन से हमारे लिए पैसे निकाल देता है, किसी भी दुकान से हमारे लिए वस्तुएं क्रय कर सकता है, हमारे द्वारा क्रय किया गया किसी भी कम्पनी का बल्ब हमारे घर के होल्डर में फिट हो जाता है, यह सब मानको के कारण ही संभव हुआ है। मानकों से ही तो लोगों में परस्पर सम्प्रेषण, मशीन, पुर्जों तथा उत्पादों में आपस में तालमेल अत्यंत सरल हुआ है।

प्रत्येक वर्ष 14 अक्टूबर को आईईसी, आईटीयू और आईएसओ के सदस्य देशों में विश्व मानक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित स्वैच्छिक तकनीकी सहमतियाँ बनाने वाले अनेकानेक विशेषज्ञों के पारस्परिक सहयोगपूर्ण प्रयासों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मुख्य रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए मानकीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के स्थापना दिवस के रूप में विश्व भर में मनाया जाता है। आज जब विश्व के सामने संवहनीयता और वित्तीय अनिश्चितताओं जैसी विभिन्न चुनौतियां हैं जिसके लिए किसी भी संगठन को दक्ष एवं लागत प्रभावी होना जरूरी है, ऐसे में वर्तमान वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के परिवेश में उक्त विषय वास्तव में बहुत प्रासंगिक है। कम से कम हानि, व्यय अथवा अनावश्यक प्रयासों से बचते हुए उत्तम गुणवत्ता के उत्पाद तैयार करने या सेवाएं देने के लिए प्रक्रियाओं को लागू करते हुए लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता ही दक्षता है। मानक उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और कार्यकारिता निर्धारित करते हैं।

भारतीय मान ब्यूरो का निरंतर यह प्रयास रहा है कि वह निर्दिष्ट भारतीय मानकों से उत्पादों के अनुरूप मूल्यांकन द्वारा मानकीकरण के फायदों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाए। इससे उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलने के साथ−साथ उनका स्वास्थ्य और सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। विश्व में वित्तीय अनिश्चितता आज सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखना आज बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है। स्टैंडर्ड से भी उपभोक्ता का किसी चीज में विश्वास बढ़ता है। भारतीय मानक ब्यूरो का यह निरंतर प्रयास है कि वह उपभोक्ताओं को विश्वास और सुरक्षा के साथ चीज उपलब्ध करवाए। अंतरराष्ट्रीय मानक वैश्विक विश्वास के सृजक हैं। आम नागरिक को सरल एवं सुरक्षित जीवन प्रदान करने के लिए सरकार विशेष नीतियों का निर्माण करती है जिससे कि सुदृढ़ मानकों का निर्माण किया जा सके।

आईएसओ (इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टैंडडाईजेशन), आईईसी (इंटरनेशनल इलैक्ट्रोटेक्रिकल कमेटी) तथा आईटीयू (इंटरनेशनल टेलिकम्यूनिकेशन यूनियन) द्वारा विश्व मानक दिवस के मौके पर दिया गया संदेश आज के माहौल में सार्थक और महत्वपूर्ण है। विश्व स्तर पर विश्वास पैदा करना ही अंतरराष्ट्रीय मानकों का मुख्य उद्देश्य है। मानकों के आधार पर निर्मित वस्तुएं, सेवाएं एवं विधियां हानि रहित होती हैं तथा पर्यावरण के अनुकूल एवं सुरक्षित पद्धति से सुनिश्चित होती हैं। किसी भी वस्तु, सेवा या विधि के विस्तार तथा उसके विकास की रीढ़ उसकी गुणवत्ता होती है। गुणवत्ता के गतिशील एवं सुविधाजनक होने से उपभोक्ता इसमें विश्वास रखकर चलता है। आज हमारे दैनिक जीवन में संचार एवं सूचना क्षेत्र तथा चिकित्सा क्षेत्र में विकास वैश्विक विश्वास के सृजन का ही बहुत बड़ा उदाहरण है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ−साथ अपने परिवेश एवं परिस्थिति के अनुरूप हमारे भारतीय मानक ब्यूरो का भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।

− बाल मुकुन्द ओझा

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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