लघु उद्योग क्षेत्र को पैर जमाने में मदद कर रहे कलराज

नरेन्द्र मोदी ने लघु एवं सूक्ष्म उद्योग को अपने एजेंडे में ऊपर रखा है। इसके अर्न्तगत करोड़ों लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य बनाया गया। पिछले ढाई सालों में बड़ी उपलब्धि भी हासिल हुई।

कलराज मिश्रा उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। भाजपा के संघर्ष के दौर से लेकर सत्ता तक में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यों का अभी तक याद किया जाता है। गांव की ओर चलने व कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद को उन्होंने महत्व दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में वह देवरिया संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी का विभाग सौंपा। यह बात सभी जानते हैं कि सरकारी नौकरियों की संख्या बहुत सीमित होती है, इसमें सभी बेरोजगार नौजवानों को रोजगार नहीं दिया जा सकता। सत्ता में बैठे अनेक नेता इस सच्चाई को स्वीकार करते से बचते हैं और वह सरकारी नौकरी व आरक्षण में ही लोगों को उलझाए रखना चाहते हैं। ये सब बातें अपनी जगह हैं। इसी को ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लघु एवं सूक्ष्म उद्योग को अपने एजेंडे में ऊपर रखा है। इसके अर्न्तगत करोड़ों लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य बनाया गया। पिछले ढाई सालों में बड़ी उपलब्धि भी हासिल हुई। मोदी ने इस विभाग की जिम्मेदारी कलराज मिश्रा को सौंपी। उन्होंने देश में छोटे−छोटे उद्योगपतियों के साथ बैठक आयोजित की।

उन्होंने विशेषज्ञों व संबंधित अधिकारियों को वार्ता में शामिल किया। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जो किसी खास वस्तु के उत्पादन के लिए पहचाने जाते हैं। इसमें वस्त्र, मूर्ति, लकड़ी, पीतल, पत्थर, कालीन, दरी, आदि अनेक कलाओं से संबंधित लघु उद्योग हैं। बहुत से क्षेत्र किसी विशेष कृषि उत्पाद के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां की मिट्टी इन उत्पादों के लिए अच्छी मानी जाती है इनमें फल, सब्जी, आदि शामिल हैं। लेकिन इन सभी उद्योगों के विकास हेतु जितने प्रयास अपेक्षित थे वह नहीं किये गये। आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जो संबंधित लघु कुटीर व सूक्ष्म उद्योग के विकास में बाधक है।

बिजली, सड़क, बाजार के अलावा छोटी पूंजी की भी आवश्यकता होती है। छोटे उद्योग से किसी एक व्यक्ति या परिवार को ही रोजगार नहीं मिलता वरन प्रत्येक लघु कुटीर उद्योग अनेक लोगों को परोक्ष−अपरोक्ष रोजगार देते हैं।

पिछले ढाई वर्षों में कलराज मिश्रा ने लघु−कुटीर उद्योग के लिए प्रसिद्ध स्थानों में संबंधित लोगों के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं से सीधे अवगत हुए। कच्चे माल की आपूर्ति, निर्माण हेतु जरूरी सामग्री और फिर बाजार की सहज उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर बल दिया गया। फल−फूल, सब्जी जैसे कृषि उत्पाद जल्दी खराब होते हैं इनको कुछ समय के लिए सुरक्षित रखना आश्वयक होता है। इसके अलावा अन्य कुटीर सुक्ष्म लघु उद्योग स्थापित किया जा सकते हैं। सरकार इसके लिए प्रशिक्षण व आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था कर रही है।

कलराज मिश्रा मानते हैं कि नोटबंदी से कुछ समय के लिए लघु, कुटीर सूक्ष्म उद्योग से जुड़े लोगों असुविधा का सामना करना पड़ा। यह अर्थव्यवस्था के दूरगामी सुधार के लिए उठाया गया अब तक का सबसे अहम कदम था। प्रारम्भ में कठिनाई हुई। लेकिन यह स्थायी समस्या नहीं थी। धीरे−धीरे सब कुछ बेहतर होगा। इसका सीधा लाभ छोटे उद्योग व व्यवसाय को होगा। असंगठित क्षेत्र के लोगों को भी इसका फायदा होगा। वह कौशल विकास और मुद्रा बैंक का खासतौर पर उल्लेख करते हैं। अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा लोग मुद्रा बैंक से ऋण लेकर अपने लघु उद्योग या व्यवसाय को स्थापित कर चुके हैं। जो पहले इस क्षेत्र में थे उन्होंने भी इसका लाभ उठाया। इससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिली। उसी के अनुरूप परोक्ष अपरोक्ष रोजगार में भी बढ़ावा मिला है। केन्द्रीय बजट में भी छोटे व्यापारियों, कंपनी मालिकों को रियायतें दी गयी हैं।

उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें भी लघु, कुटीर उद्योगों से संबंधित कई वादे किए गये हैं। फूड प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योग लगाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया गया है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित किए जायेंगे। जहां पैकेजिंग निर्यात और रिसर्च की सुविधा उपलब्ध होगी। कृषि से संबंधित लघु उद्योग की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्र का कायाकल्प किया जा सकता है। गन्ने से सीधे इथेनाल ग्लूटेन फ्री आटा, डिस्पोसेबल कटलरी आदि के उत्पादन को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा। यह भी कहा गया कि पांच वर्ष में 17 लाख रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर पैदा किया जायेंगे। प्रत्येक घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा इसके अलावा एक हजार करोड़ के स्टार्टअप वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना की जायेगी। युवा वर्ग को स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जायेगा।

देश के सबसे बड़े स्टार्टअप इनक्युबेटर की स्थापना उत्तर प्रदेश में की जायेगी। प्रत्येक तहसील में आधुनिक कौशल विकास केन्द्र की स्थपना की जायेगी। ये आईटी, बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन आदि जैसे स्किल पर केन्द्रित होगी। इन केन्द्रों में युवाओं को प्लेसमेंट सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश के छह क्षेत्रों में हस्तशिल्प केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जायेगा। इसके मद्देनजर ई कॉमर्स पोर्टल की स्थापना की जायेगी। पेशेवरों को विनिर्माण अनुसंधान बाजार आदि के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रकार वादों पर किस हद तक क्रियान्वयन होगा यह तो भविष्य में पता चलेगा, किन्तु इसमें सन्देह नहीं कि देश प्रदेश के सर्वांगीण विकास का सपना इसी रास्ते से पूरा होगा।

(यह लेख केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा से की गयी बातचीत पर आधारित है)

- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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