धमकी भरे आतंकी ईमेल, स्कूली आपातकाल और दहशतजदा छात्र-अभिभावक

Delhi School Bomb Threat
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कमलेश पांडे । May 2 2024 1:13PM

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने इस पूरे प्रकरण पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बातकर दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम थ्रेट्स यानी बम की धमकी पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो सही दिशा में उठाया हुआ एक जरुरी कदम है। इससे छात्रों-अभिभावकों में सुरक्षा का भाव मजबूत होगा।

जब पूरा देश मजदूर दिवस मनाने की तैयारियों में जुटा हुआ था, तब दिल्ली एनसीआर के छात्र-अभिभावक महज इस बात पर दहशतजदा हो गए कि एक धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद स्कूलों में आपातकाल लागू कर दिया गया और छात्रों को वापस घर ले जाने के लिए अभिभावकों में अफरातफरी मच गई। हालांकि, दिल्ली-यूपी पुलिस ने सूझ-बूझ से काम किया और फौरन 200 से ज्यादा प्रतिष्ठित स्कूलों की तलाशी ली गई। लेकिन इस दौरान जो महसूस किया गया, वह हमारे अभिजात्य वर्गीय स्कूलों और सुशिक्षित अभिभावकों की मानसिकता पर कई सवाल खड़ा करते हैं।

पहला, क्या दिल्ली-एनसीआर के हाई पेड स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था इतनी लचर है कि वहां बम प्लांट किया जा सकता है? यदि ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है! स्कूल प्रबंधन को स्थानीय पुलिस से तालमेल बिठाकर अपनी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे स्कूली आपातकाल की नौबत नहीं आए और छात्रों व उनके अभिभावकों को उन स्थितियों का सामना नहीं करना पड़े, जैसा कि मई दिवस के दिन देखा व महसूस किया गया। क्योंकि ऐसी अप्रत्याशित सूचनाओं से, घटनाओं से बाल मन पर जो बुरा प्रभाव पड़ता है, उससे होने वाली क्षति कल्पना से परे है और मनोवैज्ञानिक ही इसकी सटीक व्याख्या कर सकते हैं। 

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वहीं, अभिजात्य अभिभावकों का भी यह कर्तव्य है कि पीटीएम में इस विषय को उठाएं और भविष्य में अपने बच्चों की सुरक्षा की गारंटी लें, भले ही इसके लिए उन्हें अतिरिक्त फीस क्यों नहीं अदा करनी पड़े। क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली से पहले बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता में बड़ी संख्या में स्कूलों को फर्जी धमकियां भेजी जा चुकी हैं। गत वर्ष 1 दिसंबर 2023 को बेंगलुरु के 48 स्कूलों को बम होने की सूचना दी गई थी। इसी वर्ष फ़रवरी 2024 में चेन्नई के 13 स्कूलों को और अप्रैल 2024 में कोलकाता के स्कूलों को इस तरह की मेल भेजी गई थी। ज्यादातर मामलों में यही पता चला कि मेल विदेश से भेजे गए थे। जाहिर है कि इसके पीछे कोई संगठित गैंग काम कर रहा है, जिसका इरादा बाल मनोमस्तिष्क को प्रभावित करना है, जो पूरी तरह से गलत है।

दूसरा, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने इस पूरे प्रकरण पर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बातकर दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम थ्रेट्स यानी बम की धमकी पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो सही दिशा में उठाया हुआ एक जरुरी कदम है। इससे छात्रों-अभिभावकों में सुरक्षा का  भाव मजबूत होगा। इतना ही नहीं, उपराज्यपाल सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को स्कूल परिसर में गहन तलाशी लेने, दोषियों की पहचान करने और कोई चूक न हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जो बहुत बड़ी बात है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय दिल्ली से 13, नई दिल्ली से 6, पूर्वी दिल्ली के 24, उत्तरपूर्वी दिल्ली से 2, दक्षिणी दिल्ली के 18, दक्षिण पूर्वी दिल्ली से 10, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से 20, पश्चिमी दिल्ली के 21 उत्तरपश्चिमी दिल्ली से 29, उत्तरी दिल्ली से 3, बाहरी उत्तरी दिल्ली से 4, शहादरा में 22, रोहिणी से 10, द्वारिका से 24, बाहरी दिल्ली से 16 समेत कुल 222 स्कूलों को धमकी वाला ईमेल मिला। इससे स्पष्ट है कि साजिश करने वाला किसी बड़े गेमप्लान का हिस्सा है, जिसका पर्दाफाश करना बहुत जरूरी है।

तीसरा, स्कूली आपातकाल प्रकरण पर दिल्ली पुलिस की  जितनी तारीफ़ की जाए, वह कम है। क्योंकि एक साथ दिल्ली के 100 से ज़्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की कॉल से जब हड़कंप मच गया, तब दिल्ली पुलिस ने एक साथ दिल्ली के सभी स्कूलों में बम स्क्वाड, डॉग स्क्वाड, स्निफर डॉग,फायर ब्रिगेड और अपनी विशेष टीमें भेज कर अपनी ततपरता का परिचय दिया। आलम यह रहा कि दिल्ली के बड़े बड़े अधिकारी यहाँ तक कि ख़ुद दिल्ली के एलजी भी सड़कों पर उतर कर मुआयना कर रहे थे। यही वजह है कि सभी स्कूलों की कुछ ही घंटे में चेकिंग संभव हो पाई और बच्चे तथा टीचर से लेकर सभी स्कूलकर्मियों को सुरक्षित घर पहुँचाया जा सका। इससे साफ है कि दिल्ली पुलिस किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निबटने में पूरी तरह सक्षम है। यह हम सभी के लिए सुकून का विषय होना चाहिए।

चौथा, जिस तरह से दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 200 से ज्यादा स्कूलों में बुधवार को धमकी भरा ई मेल भेजकर यह  कहा गया कि इन स्कूलों में बम प्लांट किया गया है, किसी गहरी साजिश का नतीजा है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि देशद्रोही ताकतें हमारे नौनिहालों के मन में दहशत पैदा करने की कोशिश कर हैं, या फिर कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना साधने की जुर्रत कर रहे हों। यही वजह है कि स्कूलों को मिले ई-मेल की सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस समेत तमाम एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है कि इसके शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम वाला ईमेल भेजने के लिए रूस के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि इंटरनेट तो रूसी है, लेकिन इसका इस्तेमाल दुनिया के किसी भी कोने से किया जा सकता है। इसलिए जिस डिवाइस से इसे भेजा गया है, उसके आईपी एड्रेस का भी पता लगाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। धमकी वाला ईमेल [email protected] की आईडी से भेजा गया है। सवारीइम एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब तलवारें टकराना है। इसे इस्लामिक स्टेट ने 2014 से इस्तेमाल करना शुरू किया था। धमकी भरा ईमेल भेजने के लिए प्रॉक्सी एड्रेस का प्रयोग हुआ।

पांचवां, बुद्धवार को जिस अफरातफरी में माता-पिता- रिश्तेदार अपने-अपने बच्चों को स्कूल से लेने के लिए पहुंचे, उसकी वजह से दिल्ली की सड़कों पर जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि तब तक जिन स्कूलों की जांच की गई, वहां कुछ भी संदिग्ध जैसा नहीं मिला। इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

छठा, जिस तरह से कई बड़े स्कूलों को धमकी भरा ई-मेल भेजा गया है, उसके मायने को समझने और पड़ताल करने की दरकार है। क्योंकि अधिकारियों ने बताया कि मयूर विहार इलाके में स्थित मदर मैरी स्कूल, द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल, चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल, वसंत कुंज के दिल्ली पब्लिक स्कूल, साकेत स्थित एमिटी स्कूल और नोएडा सेक्टर 30 में दिल्ली पब्लिक स्कूल आदि को ईमेल के जरिये परिसर में बम रखे होने की धमकी दी गई, उसका स्पष्ट मकसद है कि अर्बन नक्सली या आतंकी जैसे तत्व हमारे देश के अभिजात्य वर्ग के दिलोदिमाग में वही दहशत का भाव कायम रखना चाहते हैं, जो 2014 से पहले इस देश में व्याप्त रही है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि 2024 के आमचुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार की विदाई के कथित आसार से देशद्रोही तत्व फिर से सिर उठाने शुरू कर दिए हों और इस रूप में उन्होंने अपना नापाक पूर्वाभ्यास किया हो। यदि ऐसा है तो देशवासियों को समझबुझकर मतदान करना चाहिए, क्योंकि अभी 2 चरण ही मतदान के हुए हैं और 5 चरण अभी बाकी हैं!

सातवां, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, सभी विद्यालयों को खाली करा लिया गया और स्थानीय पुलिस को ईमेल के बारे में जानकारी दे दी गई। जिसके बाद बम का पता लगाने वाली टीम, बम निरोधक दस्ता और दिल्ली दमकल सेवा के अधिकारी तुरंत दिल्ली के विद्यालयों में पहुंच गए और तलाशी अभियान चलाए। उधर, स्कूलों में बम होने की सूचना मिलने के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया कि दिल्ली के कई स्कूलों में बम होने की धमकी देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद सम्बन्धित स्कूलों को फिलहाल खाली करा दिया गया है। पुलिस फिलहाल स्कूल के अंदर जांच कर रही है। अभी तक जिन स्कूलों की जांच हो चुकी है, वहां से कुछ भी संदेहास्पद नहीं मिला है। हम अभिभावकों से निवेदन करते हैं वो घबराएं नहीं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि, "यह एक शरारत है, दहशत फैलाने के लिए इतने बड़े पैमाने पर सभी स्कूलों को एक मेल भेजा गया है। साइबर सेल यूनिट भी ईमेल और आईपी एड्रेस का पता लगाने की कोशिश कर रही है।" गौरतलब है कि फरवरी में, आर के पुरम में दिल्ली पब्लिक स्कूल में इसी तरह की बम की धमकी मिली थी, जो बाद में अफवाह निकली थी।

आठवां, डीपीएस समेत विभिन्न स्कूलों ने अपनी ततपरता का परिचय देते हुए परिजनों को मेल भेजा, जिसमें साफ कहा गया कि, "आपको सूचित किया जाता है कि स्कूल को एक ईमेल प्राप्त हुआ है जिससे छात्रों की सुरक्षा को खतरा है। एहतियात के तौर पर हम छात्रों को तुरंत घर वापस भेज रहे हैं।" वहीं, नोएडा पुलिस ने कहा कि शहर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षाएं निलंबित कर दी गयीं और पुलिस बल तैनात किया गया। सूचना पर तुरंत संज्ञान लेते हुए पुलिस बल स्कूल के आसपास तलाशी अभियान चला रहा है। अन्य जरूरी उपाय भी किए जा रहे हैं। वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि और भी विद्यालयों को इस तरह का धमकी भरा ईमेल मिला होगा और संदेह है कि इन सबके पीछे एक ही व्यक्ति का हाथ है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ समेत सुरक्षा एजेंसियां ईमेल के स्रोत का पता लगाने में जुटी हैं।

नौवां, दिल्ली एनसीआर के कई स्कूलों में भी इसी तरह बम होने के ईमेल मिले हैं। मदर मेरी स्कूल में बच्चों की परीक्षा चल रही थी लेकिन बम मिलने की जानकारी के बाद परीक्षा को बीच में ही रुकवा दिया गया। स्कूल ने आपातकाल घोषित करते हुए सभी बच्चों को तुरंत वापस घर भेज दिया। इसके बाद अभिभावकों में भी दहशत का माहौल है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कई स्कूलों को इस तरह का मेल आया है, जिसमें कहा गया कि स्कूल परिसर में बम है। हालांकि, अभी तक किसी भी स्कूल में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है और पुलिस सभी जगहों पर जांच कर चुकी है।

दसवां, दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने ठीक ही निर्देश दिया है कि सभी स्कूल प्रमुख आधिकारिक ईमेल आईडी पर प्राप्त होने वाले संदेशों को समय पर जांचेंगे। यदि कुछ अवांछित दिखता है तो उसे तुरंत सम्बन्धित जिले/क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और दिल्ली पुलिस को तुरन्त सूचित करेंगे। बच्चों की सुरक्षा को लेकर समय रहते उचित कदम उठाएं। स्कूल कानूनी प्राधिकरण को सूचना देंगे। क्योंकि कुछ सरकारी स्कूलों ने भी इस धमकी भरे मेल के मिलने की कॉल पुलिस को की है। वहीं, दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने ठीक ही कहा है कि स्कूलों में बम की सूचना को लेकर शुरुआती जांच में कुछ नहीं मिला, लेकिन यह शर्मनाक है। उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच करेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।

- कमलेश पांडेय/

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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