सौभाग्य पंचमी की पूजा से होती है कारोबार में वृद्धि

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कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ''सौभाग्य पंचमी'' के नाम से जाता है। ऐसी मान्यता है कि सौभाग्य पंचमी के दिन विधिवत पूजा-प्रार्थना से जीवन में सुख तथा समृद्धि आती है। साथ ही लाभ पंचमी के दिन शंकर भगवान की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है।

आज सौभाग्य पंचमी है। सौभाग्य पंचमी या लाभ पंचमी के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सौभाग्य आता है तथा कारोबार में फायदा होता है। तो आइए हम आपको सौभाग्य पंचमी की महिमा के बारे में बताते हैं।

क्या है सौभाग्य पंचमी

सौभाग्य पंचमी या लाभ पंचमी मुख्य रूप से इच्छाओं की पूर्ति का त्यौहार होता है। मुख्य रूप से यह पर्व दिवाली का ही एक हिस्सा होता है जिसे व्यापार में वृद्धि तथा तरक्की के तौर पर शुभ मानकर मनाया जाता है। सौभाग्य पंचमी पर शुभ तथा लाभ की कामना से प्रेरित होकर गणेश भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन को ‘ज्ञान पंचमी’, ‘लखेनी पंचमी’, ‘सौभाग्य पंचमी’ या ‘लाभ पंचम’ के रूप में भी जाना जाता है।

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जानें सौभाग्य पंचमी के बारे में

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'सौभाग्य पंचमी' के नाम से जाता है। ऐसी मान्यता है कि सौभाग्य पंचमी के दिन विधिवत पूजा-प्रार्थना से जीवन में सुख तथा समृद्धि आती है। साथ ही लाभ पंचमी के दिन शंकर भगवान की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा इस शुभ दिन गणेश जी की भी पूजा होती है जिससे घर में सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं तथा कारोबार में वृद्धि होती है।

वैसे तो सौभाग्य पंचमी मनाने का चलन पूरे भारत में है लेकिन यह पर्व गुजरात में मुख्य रूप से मनाया जाता है तथा वहां का सबसे लोकप्रिय पर्व है। वहां सौभाग्य पंचमी के अवसर पर लोग उत्साह पूर्ण तरीके से नयी ऊर्जा की कामना से प्रेरित होकर भगवान की प्रार्थना करते हैं। सौभाग्य पंचमी की शाम को लोग अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान और दुकान खोलते हैं। गुजरात राज्य के कुछ इलाकों में इसे गुजराती नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।

सौभाग्य पंचमी के दिन कैसे करें पूजा

सौभाग्य पंचमी के दिन की जाने वाली पूजा का खास महत्व होता है। इस शुभ दिन पर सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें तथा सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं। उसे शुभ मुहूर्त देखकर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापिक कर उनकी पूजा करें। साथ ही सुपारी पर मौली लपेटकर अष्टदल बनाएं और उस पर गणेश जी को बैठाएं। इसके बाद गणेश जी की अक्षत, सिंधूर, फूल, चंदन, दूब और प्रसाद चढ़ाकर गणेश जी की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव को भस्म, बेलपत्र धतुरा और सफेद कपड़ा चढ़ा कर पूजा करें। इस बात का ध्यान रखें कि गणेशजी को मोदक और शिवजी को किसी सफ़ेद पकवान का भोग लगाएं।

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सौभाग्य पंचमी का महत्व 

व्यापार के क्षेत्र में सौभाग्य पंचमी का खास महत्व है। लाभ पंचमी के शुभ अवसर पर व्यापारी नए काम की शुरुआत करते हैं। साथ ही खुशी मनाने के लिए घरों को रोशनी से सजाया जाता है तथा रात में आतिशबाजी भी की जाती है। लाभ पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त होने के कारण बाजार में खरीदारी भी की जाती है। इसके अलावा इस शुभ अवसर पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों हेतु खरीददारी करना भी अच्छा माना जाता है। सौभाग्य पंचमी के व्रत तथा पूजा करने से जीवन में सुख और सौभाग्य बढ़ता है। 

प्रज्ञा पाण्डेय

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