राजकुमार राव के बेहतरीन अभिनय से सजी है ''ट्रैप्ड''

प्रीटी । Mar 20 2017 3:24PM

फिल्म की कहानी शौर्या (राज कुमार राव) और नूरी (गीताजंलि थापा) के इर्दगिर्द घूमती है। यह दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'ट्रैप्ड' लीक से हटकर फिल्म देखने वालों को बेहद पसंद आएगी वहीं यदि शुद्ध मनोरंजन की चाह में थियेटर जाएंगे तो निराश होंगे। इस फिल्म को बड़े पर्दे तक पहुंचने में भले लंबा समय लगा लेकिन प्रदर्शन से पूर्व ही विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह फिल्म काफी सराहना हासिल कर चुकी है। फिल्म की शुरुआत जरूर कुछ धीमी है लेकिन बाद में फिल्म ऐसी रफ्तार पकड़ती है कि कहानी में आगे क्या होगा इसको लेकर दर्शकों में उत्सुकता बनी रहती है। दर्शकों की उत्सुकता का क्रम टूटे नहीं इसके लिए फिल्म में निर्देशक ने इंटरवेल ही नहीं रखा है। फिल्म को उसके मिजाज के मुताबिक मल्टीप्लेक्सों में ज्यादा रिलीज किया गया है ताकि शहरी या अर्ध शहरी इलाकों से ही लागत वसूल की जा सके।

फिल्म की कहानी शौर्या (राज कुमार राव) और नूरी (गीताजंलि थापा) के इर्दगिर्द घूमती है। यह दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। मुश्किल यह है कि शादी के बाद रहने के लिए यह अपने बजट में एक फ्लैट किराये पर लेना चाहते हैं और वह मिल नहीं रहा। जब मुंबई में कई एजेंटों से मिलने के बाद भी शौर्या को अपनी पॉकेट के हिसाब से किराए पर फ्लैट नहीं मिलता तो शौर्या को एजेंट शहर से कुछ दूर स्वर्ग अपार्टमेंट की पैंतीसवी मंजिल पर खाली पड़ा फ्लैट किराए पर देता है। यह अपार्टमेंट कानूनी विवाद में उलझा हुआ है इसलिए यहां कोई नहीं रहता। अपार्टमेंट के मेन गेट पर एक बूढ़ा चौकीदार है जिसको कम सुनाई देता है। शौर्या इस फ्लैट को किराये पर ले लेता है अगले दिन वह जब आफिस जाने के लिए घर से निकलता है तो कुछ भूल जाता है और उसे वापस लेने के लिए घर के अंदर आता है। तभी तेज हवा का झोंका आता है और मेन दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है और चाबी बाहर ही लगी रह जाती है। 35वीं मंजिल पर मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं करता। ऐसे में वह वहीं फंस जाता है। 

अभिनय के मामले में राजकुमार राव ने एक बार फिर शानदार काम किया है। फ्लैट में शौर्या के पास खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं है। जीवन जीने की जद्दोजहद करते युवक की भूमिका को उन्होंने शानदार ढंग से जिया है। राव की प्रेमिका बनीं गीताजंलि थापा के पास करने के लिए कुछ नहीं था लेकिन फिर भी वह जिन दृश्यों में नजर आईं वहां प्रभावी रहीं। अन्य सभी कलाकार सामान्य रहे। निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी की इस बात के लिए तारीफ करनी होगी कि उन्होंने कहानी में चालू मसाला डालने से परहेज किया और कहानी की मजबूती पर ज्यादा ध्यान दिया।

कलाकार- राजकुमार राव, गीताजंलि थापा और निर्देशक- विक्रमादित्य मोटवानी।

प्रीटी

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