''छिछोरे'' के नाम पर मत जाइए! मनोरंजन के साथ एक अच्छा संदेश देती है फिल्म

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रेनू तिवारी । Sep 9 2019 12:15PM

ओपनिंग डे यानी शुक्रवार को फिल्म ने करीब 7 करोड़ की कमाई की और शनिवार की 70% की वृद्धि के साथ फिल्म ने 11.75 यानी 12 करोड़ की कमाई की। इस तरह केवल दो दिनों में फिल्म ने 19 करोड़ की कमाई कर डाली।

सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म 'छिछोरे' शुक्रवार को रिलीज हो गई है। इस फिल्म को लोगों ने काफी अच्छा रिस्पांस दिया है। फिल्म को लेकर केवल लोगों की ही नहीं बल्कि फिल्म समीक्षकों की राह भी अच्छी है। फिल्म की कमाई की बात की जाए तो फिल्म ने अपने पहले वीकेंड पर  फिल्म ने रविवार को 16 करोड़ की कमाई की है। ओपनिंग डे यानी शुक्रवार को फिल्म ने करीब 7 करोड़ की कमाई की और शनिवार की 70% की वृद्धि के साथ फिल्म ने 11.75 यानी 12 करोड़ की कमाई की। इस तरह केवल दो दिनों में फिल्म ने 19 करोड़ की कमाई कर डाली। आइये जानते हैं फिल्म 'छिछोरे' कैसी है और क्यों इस फिल्म को देखने थिएटर जाया जाए- 

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पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी आखिर क्या है-

हम आपको पूरी कहानी नहीं बताएंगे बस कहानी का आधार बताएंगे ताकि आप समझ जाएं कि कहानी किस संदर्भ में हैं। फिल्म में एक तलाकशुदा जोड़ा हैं, जिनका बेटा आत्महत्या करने की कोशिश करता है। आखिर उनका बेटा ऐसा क्यों करता हैं? तो हम आपको बता दे कि बेटा ऐसा इस लिए करता हैं क्योंकि वह एक एग्जाम में पास होकर सफल होना चाहता हैं लेकिन वह सफल नहीं होता और उसका मानना हैं कि बिना सफलता की जिंदगी का कोई मतलब नहीं है और फेल होने के बाद वह आगे जीना नहीं चाहता- कहानी की थीम तो आप समझ ही गये होंगे कि फिल्म शिक्षा पर आधारित है। जब मां-बाप को अपने बच्चे के इस कदम का पता चहता हैं तो पिता आइसीयू में जाते हैं और अपने बेटे के सिरहाने बैठकर अपनी जिंदगी की वो कहानी सुनाते हैं जब वह लूजर हुआ करते थे-

बस यहीं से शुरू होती हैं फिल्म की असली कहानी फिल्म में साथ दोस्त हैं जिनकी कॉलेज लाइफ से लेकर बुढ़ापे तक कि जिंदगी के अलग-अलग परतों को दिखाया गया हैं। यह आपको काफी कनेक्ट करेगा। यह फिल्म आपको अपनी जिंदगी के बीते वक्त की याद दिला देगी। 

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फिल्म की पांच अच्छी बातें

- फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर सहित प्रतीक बब्बर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन, तुषार पांडे जैसे अच्छे कलाकार हैं। जिनकी दमदार एक्टिंग फिल्म की जान है। अनिरुद्ध (सुशांत सिंह राजपूत), माया (श्रद्धा कपूर), सेक्सा( वरुण शर्मा), डेरेक (ताहिर राज भसीन), एसिड (नवीन पॉलीशेट्टी), बेवड़ा (सहर्ष शुक्ला), क्रिस क्रॉस( रोहित चौहान), मम्मी (तुषार पांडे) दोस्तों की कहानी हैं। ये सारे अपने आप में अलग- अलग हैं। 

- निर्देशक नितेश तिवारी ने फिल्म दंगल ने जो कमाल दिखाया था वहीं कमान फिल्म 'छिछोरे' में भी देखा जा सकता है। फिल्म का डायरेक्शन कमाल का हैं मनोरंजन के साथ-साथ बढ़िया संदेश भी देती नजर आती है। फिल्म में 90 के दशक को दिखाया गया हैं जिसे काफी खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है। इन सीनों से आप खुद को कनेक्ट करेंगे। फिल्म में उस जमाने की लूज जींस, केसीयो की घड़ियां, रेनॉल्ड्स पेन, प्लेबॉय सरीखी मैगजींस जैसी छोटी-छोटी डिटेलिंग ने उनके किरदारों को रंग दिए हैं। चूंकि वे फिल्म के सह-लेखक भी हैं तो उन्होंने एंट्रेंस या मेडिकल एग्जाम्स में चुने जाने के बच्चों के प्रेशर को बखूबी दर्शाया है।  

- नितेश तिवारी का डायरेक्शन उम्दा है। वो ह्यूमर का संतुलन भी बनाए चलते हैं और कहानी में उत्सुकता भी बनाए रखते हैं। फिल्म का नाम छिछोरा होने के बाद भी फिल्म अश्लीलता की बॉर्डर लाइन पर नहीं मंडराती। 

- फिल्म में लड़को के हॉस्टल में बैचलर लड़कों की जिंदगी कैसी होती हैं यह देखकर आपको मजा आएगा। फिल्म में हॉस्टल के 7 दोस्तों की कहानी दिखाई गई हैं जिनकी दुनिया- कॉमेडी, छिछोरी डायलॉगबाजी, रोमांस, शराब जैसी चीजों से भरपूर होती है। सात दोस्त सात तरह के होते हैं तब भी दोस्त होते हैं। 

- फिल्म मनोरंजन के साथ एक अच्छा संदेश भी देती है।

छोटी सी कमी

फिल्म की छोटी सी कमी यह है कि फिल्म को थोड़ा छोटा किया जा सकता था अंत में फिल्म को थोड़ा खीचने की कोशिश की गई है। इसके अलावा फिल्म के आखिर में सारे दोस्तों का बुढ़ापा दिखाया गया हैं जिसमें बुढ़ापे का मेकअप काफी खराब किया गया है। बस चेहरे को बूढ़ा दिखाया गया है। बाकि फिल्म में कोई कमी नहीं हैं छिछोरे एक नंबर फिल्म है। 

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