मौसम बदलने पर बेबी केयर में भूलकर भी नहीं करे ये गलती

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मौसम बदलने के साथ बच्‍चों के बॉडी तापमान में भी बदलाव आता है लेकिन माता-पिता इस बात से कई मर्तबा अनजान होते हैं और वो बेबी के कमरे का तापमान मौसम के हिसाब से नहीं रख पाते। इस वजह से शिशु को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बढ़िया नींद आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। यह बात बच्चे-वयस्क सभी पर लागू होती है। अच्छी तरह सोना बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास में मददगार साबित होता है। आपको बता दें कि बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए जितना जरुरी मां का दूध और खानपान होता है उसी प्रकार से भरपूर नींद भी बेहद जरूरी है। इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चे के नींद का भी अच्छी तरह ख्याल रखना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों की नींद पर मौसम में होने वाले तापमान परिवर्तन का असर पड़ता है। मौसम बदलने पर तापमान का ध्‍यान रखना आवश्यक है ताकि बच्चा अच्छी तरह से सो पाए।

चूंकि, बच्चे वयस्क लोगों की तरह अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकते। इसलिए बच्चों के कमरे के तापमान को बच्चों के मुताबिक रखना आवश्यक होता है। कमरे के तापमान के साथ-साथ खिड़की से आने वाली प्राकृतिक हवाएं, एसी, पंखा यहां तक कि बच्चे द्वारा पहने गए कपड़ों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि बच्चों को कौन से मौसम मैं कैसे टेम्परेचर की जरूरत होती है, और आप किस तरह से अपने बच्चे के कमरे का तापमान मौसम के अनुसार नियंत्रित सकते हैं।

अनुकूल तापमान:-

युवा लोगों का शरीर मौसम के अनुसार अपने बॉडी तापमान में बदलाव कर लेता है, लेकिन बच्चों में ऐसा नहीं होता। बच्चों के कमरे का तापमान यदि अधिक ठंडा हो तो शरीर ठंडा हो जाता है, और यदि अधिक गरम हो तो शरीर गर्म हो सकता है। इसलिए बच्चों के कमरे का टेम्परेचर 18 से 21°C तक सही माना जाता है। कमरे का ये तापमान अचानक से बच्चे के शरीर के टेम्परेचर में बदलाव नहीं लाता, जिससे सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम (एक तरह की बीमारी) के खतरे को टाला जा सकता है।

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कैसे जानें सही तापमान:-

अगर बच्चे के कमरे का सही टेंपरेचर जानने के लिए माता-पिता अपना खुद का उदाहरण लें सकते हैं। यदि बड़े-बुजुर्गो को उस कमरे में ठंडी लगती है तो इसका मतलब है कि कमरा जरूरत से ज्यादा ठंडा है। यदि आप गर्म फील करते हैं तो शायद कमरा जरूरत से ज्यादा गर्म है। बच्चे के कमरे के लिए रूम थर्मामीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

गर्मी का मौसम:-

गर्मी के मौसम में आप अपने बच्चे को घर के सबसे ठंडे कमरे में रखिए। खिड़कियों से आने वाली सूरज की गर्मी से बचाव के लिए खिड़कियों को बंद कर के मोटे कपड़े से कवर कर देना चाहिए। पंखा, टेबल फैन का इस्तेमाल करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि हवा सीधे बच्चे की तरफ ना जाए। 

ठंड का मौसम:-

ठंड के मौसम में रात के समय खिड़कियों को बंद करके रखें ताकि ठंडी हवा बच्चे को नुकसान ना पहुंचा सके। दिन के समय वेंटिलेशन के लिए आप खिड़कियां खोल सकते हैं। जैसा कि आप जानते है ठंड के मौसम में दीवारें सामान्यतः ठंडी होती हैं इसलिए बच्चे का बिस्तर या पालना दीवारों से दूर ही रखें। यदि ठंड ज्यादा है तो हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे हीटर बच्चे के ज्यादा नजदीक ना हो।

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बरसात का मौसम:-

इस मौसम में तापमान ज्यादा बदलता रहता है। कभी बारिश के बाद उमस होता है तो कभी बारिश के बाद ठंड पड़ने लगती है। यदि बारिश के बाद आप नमी-सी महसूस कर रहें हैं तो अपने कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन अवश्य रखें। पंखे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं ताकि कमरे में से नमी चली जाए। यदि बारिश के बाद मौसम में ठंडी आ गई हो तो बच्चे को गर्म कमरे में ही रखें साथ ही बाहरी हवा से बचाव के लिए खिड़कियां अवश्य बंद रखें।

- मृगेंद्र प्रताप सिंह

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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