क्या थायराइड से सुन्न होते हैं हाथ-पैर? जानें गर्भावस्था में क्यों बढ़ जाता है यह खतरा

 thyroid
Pixabay

थायराइड रोगियों में हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या आम है, जिसका मुख्य कारण धीमा मेटाबॉलिज्म और तंत्रिका तंत्र पर पड़ने वाला दबाव है। हाइपोथायराइडिज्म रक्त संचार को प्रभावित कर सकता है, जिससे झुनझुनी और सुन्नता महसूस होती है, जो न्यूरोपैथी और वॉटर रिटेंशन से भी संबंधित है।

थायराइड बीमारी आमतौर पर एक हार्मोनल बीमारी है, जो थायराइड ग्रंथि की खराबी के कारण होती है। यह ग्रंथि गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है और शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। अक्सर मरीजों में अलग-अलग लक्षण महसूस होते हैं। आइए आपको इस लेख में बताते हैं कि थायराइड के मरीज को अक्सर हाथ-पैरों में सुन्न क्यों हो जाते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान थायराइड से पीड़ित महिलाओं में ये लक्षण देखे जाते हैं। लेकिन क्यों, आइए आपको बताते हैं।

क्या सच में थायराइड के कारण हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं

थायराइड की बीमारी हाथों-पैरों में सुन्नता पैदा करती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हाइपोथायराडिज्म में, जब थायरॉइड कम सक्रिय होते हैं, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जिस कारण से तंत्रिकाओं और रक्त संचार पर असर पड़ता है। इसलिए हाथों-पैरों में सुन्नता, झुनझुनी या सुई चुभने जैसा एहसास होता है। कई बार तो थायरॉइड के निम्न स्तर के कारण द्रव प्रतिरोधक और सूजन तंत्रिकाओं पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे सुन्नता और बढ़ जाती है।

क्या प्रेग्नेंसी में भी थायराइड के कारण हाथ-पैर सुन्न होते हैं

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में थायराइज के कारण अक्सर महिलाओं को हाथ-पैर में सुन्नता की समस्या महसूस होती है। यह संबंध गर्भावस्था के दौरान होता हैं क्योंकि हार्मोनल बदलाव और वॉटर रिटेंशन के कारण बनते हैं और तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करते हैं।

थायराइड में हाथ-पैर सुन्न के अन्य कारण

जब न्यूरोपैथी के कारण भी हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं। जब हमारे शरीर में थायराइड ग्रंथी सही से इस हार्मोन को नहीं प्रड्यूस कर पाती है, तब वॉटर रिटेंशन होता है, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है। जिस वजह से लोगों को हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं। वहीं, हाइपोथायरायडिज्म से लोगों को कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है, जो कलाई की नस संकुचित करता है, जिस कारण से हाथ में सुन्नता और दर्द होने लगता है। जब यह पैरों में होता है तो ये टार्सल टनल सिंड्रोम की वजह से होता है, जिससे टखने और पैर में जलन और सुन्न होने लगते है। 

इसके अलावा, थायराइड के मरीजों में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है। फिर हाथ-पैर ठंडे और सुन्न होने लगते है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
All the updates here:

अन्य न्यूज़