छोटे बच्चों में बढ़ रहा है वायरल बुखार का प्रकोप, जानिए क्या हो सकती है वजह
आमतौर पर यह देखा गया है कि बच्चों को साल में 6-8 श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) हो जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड -19 लॉकडाउन हटाए जाने के बाद से बच्चे बाहरी दुनिया के संपर्क में हैं और यह भी संक्रमण के फैलने का एक प्रमुख कारण है।
पिछले एक-दो महीने से उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद और मथुरा में रहस्यमयी वायरल बुखार से बच्चों की मौत की खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश से बुखार के जितने मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से अकेले एक महीने में ही 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वायरल बुखार यूपी के कानपुर, प्रयागराज और गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी बच्चों में बुखार फैलने की खबरें आ रही हैं।
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क्यों फैल रहा है बच्चों में वायरल बुखार?
आमतौर पर यह देखा गया है कि बच्चों को साल में 6-8 श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) हो जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड -19 लॉकडाउन हटाए जाने के बाद से बच्चे बाहरी दुनिया के संपर्क में हैं और यह भी संक्रमण के फैलने का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा दूसरा कारण बासी भोजन और अशुद्ध पानी है जो विशेषज्ञों के अनुसार वेक्टर जनित संचरण का कारण बन रहा है।
इन्फ्लुएंजा, डेंगू, चिकनगुनिया से लेकर स्क्रब टाइफस तक कई तरह के वायरल संक्रमण अगस्त से बच्चों को संक्रमित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के बाद का मौसम भी डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे वेक्टर जनित रोग बड़े पैमाने पर होने के एक बड़ा कारण है। डेंगू और चिकनगुनिया एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो साफ पानी में पैदा होता है। वहीं, मलेरिया एनोफिलीज मच्छर के कारण होता है जो ताजे और गंदे पानी दोनों में प्रजनन कर सकता है।
डॉ अनामिका दुबे, वरिष्ठ सलाहकार, सामान्य बाल रोग, मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल, दिल्ली ने एक मीडिया वेबसाइट से बातचीत के दौरान कहा, “आज अधिकांश बुखार वायरल हैं, चाहे इन्फ्लूएंजा हो या डेंगू। ये बुखार आपको बहुत कमजोर और सुस्त महसूस कराते हैं। मरीजों को बदन दर्द होता है। इन बुखारों को केवल रोगसूचक उपचार और एक अच्छी जलयोजन स्थिति की आवश्यकता होती है।"
पिछले साल वायरल फीवर का प्रकोप ज़्यादा क्यों नहीं था?
पिछले साल, अस्पतालों में बुखार से पीड़ित बच्चों की कुल संख्या में कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन के कारण गिरावट देखी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि वेक्टर जनित बीमारियों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच दर्ज किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि इस साल दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है।
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आप बच्चे का बचाव कैसे कर सकते हैं?
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर में पानी जमा नहीं होने दें।
जब भी बच्चे बाहर जा रहे हों तो मच्छर भगाने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए
बच्चों को बासी और बाहर का खाना देने से बचें।
आपको अपने बच्चे को अस्पताल कब ले जाना चाहिए?
एक मीडिया वेबसाइट से बातचीत के दौरान डॉ धीरेन गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली ने बताया, “कोई भी रहस्यमय बीमारी या बुखार जो 3-4 दिनों से अधिक समय तक बताया जा रहा है। अगर बच्चे को 103-104 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार हो या भले ही बुखार न हो, लेकिन यदि बच्चा भोजन या तरल पदार्थ का सेवन नहीं कर रहा हो, शरीर में अत्यधिक दर्द या शरीर पर चकत्ते हों या बच्चे को कम मूत्र उत्पादन की शिकायत हो तो उसे अस्पताल लाया जाना चाहिए।”
- प्रिया मिश्रा
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