74वें कान फिल्मोत्सव में आखिर क्यों गाय बन गई है चर्चा का विषय?

Cow became a topic of discussion at the Cannes Film Festival

फिल्मकार के बताया कि फिल्म के संपादन में तीन साल का समय लगा क्योंकि वह अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रही थीं। ब्रितानी फिल्मकार अर्नोल्ड तीन बार ‘कान जूरी पुरस्कार’ जीत चुकी हैं। उन्हें ‘रेड रोड’ (2006), ‘फिश टैंक’(2009) और ‘अमेरिकन हनी’ (2016) के लिए पुरस्कृत किया गया।

नयी दिल्ली। 74वें कान फिल्मोत्सव में इस बार गाय पर आधारित 93 मिनट का एक वृत्तचित्र चर्चा का विषय बना हुआ है। ‘काउ’ शीर्षक के तहत बने इस वृत्तचित्र में दुनिया को एक गाय के नजरिए से देखने की कोशिश की गई है। इसका निर्देशन ऑस्कर पुरस्कार विजेता फिल्मकार और ब्रितानी नागरिक एंड्रिया अर्नोल्ड ने किया है। इसे बनाने में उन्हें सात साल का समय लगा। फिल्मकार के बताया कि फिल्म के संपादन में तीन साल का समय लगा क्योंकि वह अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रही थीं। ब्रितानी फिल्मकार अर्नोल्ड तीन बार ‘कान जूरी पुरस्कार’ जीत चुकी हैं। उन्हें ‘रेड रोड’ (2006), ‘फिश टैंक’(2009) और ‘अमेरिकन हनी’ (2016) के लिए पुरस्कृत किया गया। उन्होंने लघु फिल्म ‘वास्प’ के लिए 2005 में अकादमी पुरस्कार जीता था। ‘काउ’ में खेत में चरने वाली एक गाय पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें उसका जीवन चक्र दिखाया गया है।

इसे भी पढ़ें: देवदास के 19 साल पूरे होने पर शाहरुख खान ने कहा- प्यार के लिए शुक्रिया

अर्नोल्ड ने कहा, ‘‘यह वास्तविकता की कहानी है, यह दूध देने वाली एक गाय की कहानी है और यह उस सेवा के लिए श्रद्धांजलि है, जो वह हमें देती है। जब मैं हमारी गाय लूमा को देखती हूं, तो मैं उसके जरिए पूरी दुनिया को देखती हूं।’’ ‘अमेजन प्राइम’ की सीरीज ‘ट्रांसपेरेंट’ की कई कड़ियों और ‘एचबीओ’ कार्यक्रम ‘बिग लिटिल लाइज’ के दूसरे सीजन का निर्देशन करने वाली अर्नोल्ड ने ‘काउ’ के प्रीमियर के बाद कहा, ‘‘हम अक्सर गाय को एक समूह के रूप में देखते हैं। मैं उसे एक अकेले पशु के रूप में देखना चाहती थी।’’ उन्होंने कहा कि ‘काउ’ के माध्यम से उन्होंने प्रकृति के प्रति लोगों की धारणा को बदलने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें असलियत से डर लगता है। मैं असलियत दिखाना चाहती थी और देखना चाहती थी कि ऐसा करना कैसा लगता है। इस फिल्म का मकसद लोगों को ऐसे जीव की चेतना से जोड़ना है, जो मनुष्य नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़