राजनयिक इतिहास की पहली घटना, अफगानी राजदूतों ने विश्व नेताओं से तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देने की अपील की

Afghan

पत्र में राजनयिकों ने लिखा कि हम इस बात से निराश हैं कि अफगानिस्तान के साथ बीस साल के संबंधों को हमारे सहयोगी छोड़ रहे हैं और हमारे लोगों को एक आतंकवादी समूह की दया पर छोड़ दिया गया।

वॉशिंगटन। राजनयिक इतिहास में पहली बार एक घटनाक्रम हुआ है। पूर्व अफगान सरकार द्वारा नियुक्त राजनयिकों ने संयुक्त बयान जारी कर विश्व नेताओं से तालिबान को औपचारिक मान्यता नहीं देने की अपील की। बता दें कि दो दर्जन से अधिक राजनयिकों ने पत्र पर दस्तखत किए और बयान जारी किया। इसकी एक प्रति अंग्रेजी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के पास मौजूद है। 

इसे भी पढ़ें: तालिबान का डर, अफगान महिला फुटबॉल टीम देश छोड़ पहुंची पाकिस्तान 

रिपोर्ट के मुताबिक अफगान के राजनयिकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सरकार मौजूद नहीं है। लेकिन अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, तुर्की और अन्य जगहों पर राजनयिक अपने मिशनों से काम कर रहे हैं।

अफगानिस्तान में अब तालिबान की सरकार है जो अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही बंदूखों के दम पर बनाई गई है।

आतंकियों की दया पर छोड़ दिया ! 

पत्र में राजनयिकों ने लिखा कि हम इस बात से निराश हैं कि अफगानिस्तान के साथ बीस साल के संबंधों को हमारे सहयोगी छोड़ रहे हैं और हमारे लोगों को एक आतंकवादी समूह की दया पर छोड़ दिया गया। 

इसे भी पढ़ें: हिंदू पलायन को मजबूर, रेप के मामलों में नंबर 1 बना राज्य, आखिर तालिबान से क्यों होने लगी राजस्थान की तुलना? 

इस पत्र में विश्व नेताओं से महिलाओं, समाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ तालिबान की हिंसा को रोकने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करने को कहा गया।

पत्र में आगे अफगानिस्तान में तालिबान के जबरन कब्जे का भी उल्लेख किया गया। इसमें राजनयिकों ने लिखा कि तालिबान ने अवैध और हिंसक तरीकों से सत्ता पर कब्जा कर लिया। उनके इस कदम से दुनियाभर आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा।

अशरफ गनी की हटाई तस्वीर

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन में अफगानिस्तान दूतावास के पहले सचिव जवाद राहा ने बताया कि राजनयिक अमेरिका में रहने वाले अफगानों के लिए लगातार काम कर रहे हैं और अपने मुल्क की स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि अशरफ गनी के अचानक काबुल छोड़कर भागने के बाद उन्होंने दूतावास से उनकी तस्वीर को हटा दिया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़