अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति ने खोली पाकिस्तान की पोल! बताया कैसे कर रहा तालिबान की मदद
गौरतलब है कि, इससे पहले बुधवार को पाकिस्तान के शहर क्वेटा में तालिबानी झंडे लहराए जाने की वीडियो सामने आई थी। अमेरिकी सेना और नाटो सेना के अफगानिस्तान से हट जाने के बाद से हिंसा काफी बढ़ गई है। तालिबान ने यह दावा करते हुए कहा है कि, उसने अफगानिस्तान का 80 फीसदी इलाका कब्जा कर लिया है।
अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि, पाकिस्तान वायु सेना ने अफगान सेना और वायु सेना को आधिकारिक चेतावनी जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम का पाकिस्तान वायु सेना द्वारा सामना किया जाएगा और उसे खदेड़ दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया है कि,पाक वायु सेना अब तालिबान को कुछ इलाकों में नजदीकी हवाई सहायता मुहैया करा रही है। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति ने यह अपने ऑफिशियल ट्वीट से इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने साथ में यह भी कहा कि, अगर किसी को मेरे ट्वीट पर शक है कि पाक वायुसेना और पाक सेना ने अफगान सेनाओं को चेतावनी नहीं दी है तो मैं डीएम के माध्यम से सबूत साझा करने के लिए तैयार हूं।अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि, बीस सालों से अधिक समय तक पाकिस्तान ने क्वेटा शूरा के अस्तित्व या अपनी धरती पर तालिब आतंकवादी नेताओं की मौजूदगी से इनकार किया। इससे अफगान या विदेशी परिचित है कि, पाकिस्तान का इनकार का बयान जारी करना सिर्फ एक पूर्व-लिखित पैराग्राफ है।
गौरतलब है कि, इससे पहले बुधवार को पाकिस्तान के शहर क्वेटा में तालिबानी झंडे लहराए जाने की वीडियो सामने आई थी। अमेरिकी सेना और नाटो सेना के अफगानिस्तान से हट जाने के बाद से हिंसा काफी बढ़ गई है। तालिबान ने यह दावा करते हुए कहा है कि, उसने अफगानिस्तान का 80 फीसदी इलाका कब्जा कर लिया है।Breaking: Pakistan air force has issued official warning to the Afghan Army and Air Force that any move to dislodge the Taliban from Spin Boldak area will be faced and repelled by the Pakistan Air Force. Pak air force is now providing close air support to Taliban in certain areas
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) July 15, 2021
वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ताशकंद में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां तेजी से बिगड़ रही स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के प्रति भारत का समर्थन दोहराया।यह बैठक एक बहुपक्षीय सम्मेलन से इतर हुई।
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