फ्रांस के विश्वविद्यालयों में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए समझौता

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बारब्री ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए फ्रांस के विश्वविद्यालयों में आमंत्रित करना दूतावास की प्राथमिकताओं में से एक रहा है।

पणजी। फ्रांस और भारत के बीच एक मई से अकादमिक योग्यताओं की परस्पर पहचान को लेकर हुए समझौते के तहत फ्रांस के विश्वविद्यालयों में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या काफी हद तक बढ़ जाएगी। मुंबई में फ्रांस की महावाणिज्य दूत सोनिया बारब्री ने कहा कि उनके देश में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 2025 तक मौजूदा संख्या 9,000 से बढ़कर 15,000 तक हो सकती है। सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थानों से हासिल की गई भारत की चार अकादमिक योग्यताओं - 12वीं (एसएससी), स्नातक एवं मास्टर डिग्री और पीएचडी को फ्रांस सरकार ने एक मई से मान्यता दे दी है।

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बारब्री ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए फ्रांस के विश्वविद्यालयों में आमंत्रित करना दूतावास की प्राथमिकताओं में से एक रहा है। उन्होंने कहा कि हम अधिक भारतीय विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए बुलाना चाहते हैं। फिलहाल 9,000 छात्र फ्रांस में पढ़ रहे हैं। वे बिजनेस मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, सोशल साइंस और अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। अंग्रेजी में हमारे पास कई पाठ्यक्रम हैं और उन्हें फ्रेंच सीखने की जरूरत नहीं है। बारब्री ने कहा कि यह राष्ट्रपति मैक्रों के पिछले साल भारत दौरे के दौरान फ्रांस और भारत के बीच अकादमिक योग्यताओं की परस्पर स्वीकृति को लेकर हुए समझौते के कारण संभव हो सका है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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