अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कश्मीर से प्रतिबंध हटाने का रखा प्रस्ताव

american-mp-pramila-jaipal-proposed-to-lift-the-ban-from-kashmir
[email protected] । Dec 8 2019 2:54PM

भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कश्मीर मामले पर अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में भारत से पूरे जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाने और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की अपील की गई है। जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही वहां कई प्रतिबंध लगे हुए हैं।

वाशिंगटन। भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी संसद में जम्मू-कश्मीर पर एक प्रस्ताव पेश करते हुए भारत से वहां लगाए गए संचार प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और सभी निवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षित रखे जाने की अपील की। जयपाल द्वारा कई सप्ताह के प्रयासों के बाद प्रतिनिधिसभा में पेश किए गए इस प्रस्ताव को कंसास के रिपब्लिकन सांसद स्टीव वाटकिंस के रूप में केवल एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है।

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, उत्तर कोरिया का शत्रुतापूर्ण ढंग से पेश आना चौंकाने वाला

यह एक केवल एक प्रस्ताव है, जिस पर दूसरे सदन में वोट नहीं किया जा सकता और यह कानून नहीं बनेंगा। प्रस्ताव में भारत से पूरे जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाने और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की अपील की गई है। भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही वहां कई प्रतिबंध लगे हुए हैं। इस प्रस्ताव को पेश किए जाने से पूर्व अमेरिका भर से भारतीय मूल के अमेरिकियों ने विभिन्न मंचों से इसका विरोध किया था। समझा जाता है कि उनके कार्यालय को इस प्रस्ताव को पेश नहीं करने के लिए भारतीय अमेरिकियों के 25 हजार से अधिक ईमेल प्राप्त हुए। 

इसे भी पढ़ें: किम जोंग के इशारों में उत्तर कोरिया ने एक किया ‘‘बेहद महत्वपूर्ण परीक्षण’’

भारतीय अमेरिकियों ने कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने के उनके कदम के खिलाफ उनके कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी किया। प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की जल्द से जल्द रिहाई की जाए और उन पर राजनीतिक गतिविधियों एवं भाषणों पर किसी प्रकार की रोक लगाने वाले बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त लगाने से बचा जाए।

इसे भी पढ़ें: अमेरिकी नौसेना के एक अड्डे पर गोलीबारी, हमलावर सहित तीन लोगों की मौत

प्रस्ताव में दावा किया गया है कि इस बात के ‘फोटोग्राफिक’ सबूत हैं कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनकी रिहाई की शर्त के रूप में राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से मना करने और बयान जारी करने के लिए निश्चित बांड पर हस्ताक्षर करने होंगे। भारत ने हालांकि इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का निर्णय संप्रभु है और वह अपने आंतरिक मामले में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़