Asim Munir ने Reliance की Jamnagar Refinery को उड़ाने की धमकी देकर मनोवैज्ञानिक युद्ध तेज कर दिया है

मुनीर का यह भाषण पाकिस्तान के मानद वाणिज्य दूत द्वारा आयोजित ब्लैक-टाई डिनर में दिया गया, जिसमें लगभग 120 प्रवासी पाकिस्तानी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के दौरान मोबाइल और डिजिटल उपकरणों पर प्रतिबंध था और कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं किया गया।
अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत के टाम्पा शहर में एक निजी डिनर के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भारत के आर्थिक ढांचे को भविष्य के किसी भी संघर्ष में निशाना बनाने की खुली धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने विशेष रूप से गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के रिफाइनरी परिसर का उल्लेख किया जो विश्व का सबसे बड़ा सिंगल-साइट रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है। हम आपको बता दें कि यह पहली बार है जब पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने भारत की प्रमुख आर्थिक संपत्ति का नाम लेकर उसे संभावित सैन्य लक्ष्य बताया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट का उल्लेख किया जिसमें कुरआन की एक आयत के साथ रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी की तस्वीर लगाई गई थी। उन्होंने दावा किया कि हालिया तनाव के दौरान इस पोस्ट को उन्होंने स्वयं अधिकृत किया था ताकि भारत को यह संकेत दिया जा सके कि “अगली बार क्या किया जाएगा।” मुनीर ने अपने भाषण में सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के संदर्भ में कहा कि अगर यह संधि निलंबित रहती है, तो पाकिस्तान भारतीय बांधों पर मिसाइल हमले करेगा। उनके शब्दों में "हम इंतज़ार करेंगे कि भारत बांध बनाए और फिर 10 मिसाइल से उसे खत्म कर देंगे।"
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हम आपको बता दें कि यह भाषण पाकिस्तान के मानद वाणिज्य दूत द्वारा आयोजित ब्लैक-टाई डिनर में दिया गया, जिसमें लगभग 120 प्रवासी पाकिस्तानी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के दौरान मोबाइल और डिजिटल उपकरणों पर प्रतिबंध था और कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं किया गया। इसके बावजूद कई प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया को सारा विवरण बताया। हम आपको बता दें कि मुनीर की फ्लोरिडा यात्रा मुख्यतः अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के विदाई समारोह में भाग लेने के लिए थी। इस दौरान कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी अभियानों में “बेहतरीन भागीदार” बताया और उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया।
इसके अलावा, मुनीर ने हाल के भारत-अमेरिका संबंधों में आई खटास का हवाला देते हुए पाकिस्तान की ‘राइवल पावर्स’ के बीच संतुलन साधने की क्षमता पर जोर दिया और कहा कि पाकिस्तान को कूटनीति में “मास्टरक्लास” लेने की जरूरत है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान खुलकर अच्छाई की सराहना करता है और उदाहरण के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल पुरस्कार नामांकन का हवाला दिया।
जहां तक मुनीर की धमकी की बात है तो यह बयान केवल सैन्य धमकी नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक युद्ध (Psychological Warfare) का हिस्सा है। किसी आर्थिक प्रतीक, जैसे जामनगर रिफाइनरी को नाम लेकर निशाना बनाने का उद्देश्य निवेशकों, औद्योगिक जगत और भारत के नीति-निर्माताओं में असुरक्षा की भावना पैदा करना है। चूंकि यह बयान अमेरिकी धरती पर, प्रवासी समुदाय के बीच दिया गया, इसका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया और अमेरिकी राजनीतिक-सुरक्षा हलकों तक संदेश पहुंचाना भी है। यह पाकिस्तान की “डुअल ऑडियंस स्ट्रैटेजी” का हिस्सा माना जा सकता है— जिसमें घरेलू जनता और विदेशी ताकतें, दोनों को संकेत भेजे जाते हैं।
हम आपको बता दें कि यद्यपि पाकिस्तान की पारंपरिक और मिसाइल क्षमता में कुछ हद तक ऐसी क्षमताएं हैं, लेकिन भारत के पास उन्नत वायु रक्षा प्रणाली (जैसे S-400) और प्रतिरोधक हमले की क्षमता मौजूद है। इसलिए वास्तविक युद्ध की स्थिति में यह आसान नहीं होगा। परंतु, ऐसी धमकियां रणनीतिक जोखिम-मानचित्र को जरूर प्रभावित करती हैं। इसके अलावा, मुनीर का भाषण ऐसे समय आया है जब भारत-अमेरिका व्यापारिक मतभेद सुर्खियों में हैं। पाकिस्तान इस अवसर का उपयोग खुद को एक “संतुलन साधने वाले साझेदार” के रूप में पेश करने में कर रहा है ताकि वॉशिंगटन में उसकी प्रासंगिकता बनी रहे।
बहरहाल, मुनीर के इस भाषण को भारत के लिए महज़ बयानबाज़ी मानकर नज़रअंदाज़ करना रणनीतिक रूप से जोखिम भरा हो सकता है। यह न केवल संभावित सैन्य खतरों का संकेत है बल्कि पाकिस्तान के राजनीतिक-सैन्य तंत्र की मौजूदा सोच, अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि-रणनीति और भारत के विरुद्ध मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के प्रयासों की भी झलक देता है। भारत के लिए आवश्यक है कि वह अपने महत्वपूर्ण आर्थिक और जल-ढांचा संसाधनों की सुरक्षा-योजना को और मजबूत करे तथा कूटनीतिक स्तर पर इस बयान के अंतरराष्ट्रीय निहितार्थों को उजागर करे।
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