एस्ट्राजेनेका के ट्रायल में त्रुटि! विशेषज्ञों ने उठाए कोविड-19 के टीके पर सवाल

AstraZeneca

एस्ट्राजेनेका ने विनिर्माण में त्रुटि मानी, कोविडके प्रायोगिक टीके के शुरुआती नतीजों पर सवाल उठ रहे हैं।एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कम खुराक लेने वाले समूह में टीका 90 प्रतिशत तक असरदार प्रतीत होता है, जबकि जिस समूह को पूर्ण दो खुराकें दी गई थीं, उनमें टीका 62 फीसदी तक असरदार दिखा।

लंदन। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक विनिर्माण त्रुटि को स्वीकार किया है जिससे कोविड-19 के प्रायोगिक टीके के शुरुआती नतीजों पर सवाल उठ रहे हैं। एक बयान में बुधवार को गलती के बारे में बताया गया है। इससे कुछ दिन पहले कंपनी और विश्वविद्यालय ने कहा था कि प्रायोगिक टीका बेहद प्रभावी है । लेकिन इसमें इस बात का उल्लेख नहीं किया गया था कि अध्ययन में हिस्सा लेने वाले कुछ प्रतिभागियों को टीके की दो खुराकों में से पहली वाली में उतनी मात्रा में टीका क्यों नहीं दिया गया, जितना अपेक्षा के अनुसार दिया जाना था।

इसे भी पढ़ें: अमेरिकी चुनाव के 18 दिन बाद, चीन के शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी बधाई

आश्चर्य की बात है कि अध्ययन में स्वेच्छा से हिस्सा ले रहे लोगों के जिस समूह को टीके की कम खुराक दी गई थी, वे उस समूह से अधिक बेहतर सुरक्षित लगते हैं जिन्हें पूरी खुराकें दी गई हैं। एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कम खुराक लेने वाले समूह में टीका 90 प्रतिशत तक असरदार प्रतीत होता है, जबकि जिस समूह को पूर्ण दो खुराकें दी गई थीं, उनमें टीका 62 फीसदी तक असरदार दिखा। कुल मिलाकर दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा कि टीका 70 फीसदी तक असरदार लगता है। लेकिन जिस तरीके से नतीजों पर पहुंचा गया है और कंपनियों ने सूचना दी है, उस पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। आंशिक परिणाम सोमवार को घोषित किए गए, जो ब्रिटेन और ब्राजील में चल रहे बड़े अध्ययन का हिस्सा हैं। इसमें टीके की सर्वोत्तम खुराक का पता लगाया जाएगा। साथ में टीका की सुरक्षा और प्रभावशीलता का भी परीक्षण किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़