Prabhasakshi NewsRoom: इस्लामिक देशों के दुश्मन Salman Rushdie पर हमला करने वाले Hadi Matar को 25 साल जेल की सजा सुनाई गई

हम आपको बता दें कि सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले मतार को अधिकतम सजा दी गई है। रुश्दी पर हमले के लिए 25 साल और दूसरे व्यक्ति को घायल करने के लिए 7 साल, लेकिन दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी क्योंकि ये घटनाएं एक ही समय पर हुई थीं।
प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए अदालत ने उसे 25 साल की सजा सुनाई है। हम आपको याद दिला दें कि साल 2022 में न्यूयॉर्क के वेस्टर्न क्षेत्र में एक व्याख्यान के दौरान सलमान रुश्दी पर हमला किया गया था। 27 वर्षीय हादी मतार को फरवरी में हत्या के प्रयास और हमले के आरोप में दोषी ठहराया गया था। उसने रुश्दी पर उस समय हमला किया था जब वे चाटौक्वा इंस्टीट्यूशन में बोलने की तैयारी कर रहे थे। इस निर्मम हमले में 77 वर्षीय रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई और उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें सिर और धड़ में दर्जनों बार चाकू मारा गया था। मतार ने मंच पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति को भी घायल किया था। हालांकि रुश्दी शुक्रवार को सजा सुनाए जाने के समय मौजूद नहीं थे। उन्होंने एक वक्तव्य प्रस्तुत किया। इससे पहले उन्होंने गवाही में उस भयानक क्षण को याद किया था जब उन्हें लगा कि उनकी मृत्यु निश्चित है।
सजा सुनाए जाने से पहले मतार ने संक्षिप्त बयान में रुश्दी की आलोचना की और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए उन्हें "पाखंडी" कहा। हम आपको बता दें कि उसे अधिकतम सजा दी गई है। रुश्दी पर हमले के लिए 25 साल और दूसरे व्यक्ति को घायल करने के लिए 7 साल, लेकिन दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी क्योंकि ये घटनाएं एक ही समय पर हुई थीं। चाटौक्वा काउंटी के जिला अटॉर्नी जेसन श्मिट ने सजा सुनाते हुए ये ऐलान किये। श्मिट ने तर्क दिया कि मतार ने यह हमला जानबूझकर अधिकतम नुकसान पहुँचाने के लिए योजनाबद्ध रूप से किया था। उन्होंने कहा कि न केवल रुश्दी को, बल्कि उस समय मौजूद 1,400 से अधिक दर्शकों को भी नुकसान पहुँचने की संभावना थी। उधर, मतार के वकील नथानिएल बैरोन ने कहा कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और उन्होंने 12 साल की हल्की सजा का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दर्शकों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा।
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हम आपको याद दिला दें कि हमले के बाद रुश्दी ने लगभग पाँच सप्ताह अस्पतालों और पुनर्वास केंद्रों में बिताए थे। बाद में उन्होंने अपनी 2024 की आत्मकथा "Knife" में अपने स्वास्थ्य लाभ का विवरण दिया था। हम आपको यह भी बता दें कि न्यू जर्सी का निवासी और अमेरिकी नागरिक मतार अब आतंकवाद से संबंधित संघीय मुकदमे का भी सामना कर रहा है। अभियोजकों का कहना है कि यह हमला 1989 में ईरानी नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी द्वारा जारी एक फतवे को लागू करने का प्रयास था, जो रुश्दी की विवादास्पद पुस्तक The Satanic Verses के प्रकाशन के बाद दिया गया था। इस फतवे में रुश्दी की मृत्यु की मांग की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गयी थी। हालांकि बाद में ईरान ने कहा था कि वह इस फतवे को लागू नहीं करेगा।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि मतार मानता था कि यह फतवा अब भी वैध है और उसने दावा किया कि इसे 2006 में हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह द्वारा दोहराया गया था। हालांकि मतार ने आतंकवादियों को सामग्री समर्थन देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद करने के संघीय आरोपों से इंकार किया है। हम आपको बता दें कि मुकदमे के दौरान दिखाए गए वीडियो साक्ष्य में हमले का क्षण कैद था। जब रुश्दी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुँचे तब 24 वर्षीय युवक हादी मतार ने लेखक पर जानलेवा हमला किया था। रुश्दी जब न्यूयार्क में एक कार्यक्रम में अपना संबोधन शुरू करने वाले थे, तब उन पर हमला किया गया था। इस तरह की रिपोर्टें सामने आईं कि हमलावर ईरान के ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ के संपर्क में था लेकिन बाद में पूछताछ में उसने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि उसने मुंबई में जन्मे लेखक सलमान रुश्दी पर हमले की घटना को अकेले अंजाम दिया। यही नहीं, हमलावर ने हमले में लेखक के जीवित बचने पर भी ‘‘हैरानी’’ जताई थी और कहा था कि वह उन्हें पसंद नहीं करता है। जेल में बंद हादी मतार ने ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ से ‘वीडियो साक्षात्कार’ के दौरान कहा था कि वह रुश्दी के हमले में जीवित बच जाने के समाचार को सुनकर हैरान है। उसने कहा था कि जब उसे एक ट्वीट से पता चला कि लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट में आने वाले हैं, तो उसने वहां जाने का फैसला किया। मतार ने समाचार पत्र से कहा था कि मुझे यह व्यक्ति पसंद नहीं है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि वह बहुत अच्छा व्यक्ति है। उसने कहा था कि रुश्दी ऐसा व्यक्ति है जिसने इस्लाम पर हमला किया, हमारी आस्था पर हमला किया। मतार ने कहा था कि वह ईरान के दिवंगत सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खमनेई को एक ‘‘बहुत अच्छा व्यक्ति’’ मानता है, लेकिन वह यह नहीं कहेगा कि वह 1989 में ईरान में खामनेई द्वारा जारी किसी फतवे का पालन कर रहा था। हम आपको याद दिला दें कि रुश्दी पर हुए हमले से दुनिया आश्चर्यचकित रह गयी थी लेकिन इस्लामिक जगत में उन्हें जिस नफरत के साथ देखा जाता है उसको देखते हुए इस बात का अंदेशा सभी को था कि एक दिन उनको निशाना बनाया जा सकता है।
हम आपको यह भी बता दें कि प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी जितना अपनी लेखनी के लिए जाने जाते हैं उतना ही विवादों से भी उनका गहरा नाता रहा है। इसके चलते तमाम इस्लामिक देशों में उन्हें गुनहगार की दृष्टि से देखा जाता है लेकिन रुश्दी को कभी इस बात का फर्क नहीं पड़ा। वह अपने विचारों, लेखनी और अपने इरादों के पक्के हैं और लंदन में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं।
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