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बाइडेन ने जर्मनी की चांसलर मर्केल से की बात, अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने की जताई इच्छा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 26, 2021 10:43
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बयान में कहा गया है कि देशों के बीच रिश्तों को गहरा करने की इच्छा जताते हुए बाइडेन ने सामूहिक सुरक्षा और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने का अपना इरादा व्यक्त किया।
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जर्मनी की चांसलर से सोमवार को फोन पर बात की और अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने की अपनी इच्छा जाहिर की। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि दोनों नेता विदेश नीति की समान प्राथमिकताओं पर साथ मिलकर काम करने को सहमत हुए हैं जिसमें अफगानिस्तान, चीन, ईरान, रूस, यूक्रेन और पश्चिमी बलकान से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। बयान के मुताबिक, फोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेता वैश्विक सहयोग की अहमियत पर सहमत हुए जिसमें बहुपक्षीय संगठनों के लिए अमेरिका द्वारा फिर से जताई गई प्रतिबद्धता, जलवायु परिवर्तन से निपटना, कोविड-19 को नियंत्रित करना, स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाना और स्थायी वैश्विक आर्थिक सुधार का लक्ष्य शामिल है।
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बयान में कहा गया है कि देशों के बीच रिश्तों को गहरा करने की इच्छा जताते हुए बाइडेन ने सामूहिक सुरक्षा और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने का अपना इरादा व्यक्त किया। बीस जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यह पांचवीं बार है जब बाइडेन ने किसी विदेशी नेता को फोन किया हो। इससे पहले, उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू, मेक्सिको के राष्ट्रपतिएंद्रेस मैनुएल लोपेज़ ओब्रादोर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैंक्रों से फोन पर बात की थी।
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सड़क किनारे हुए बम धमाके में पांच लोगों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 13:17
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पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान में फिर फटा शक्तिशाली बम फटने से पांच लोगों की मौत हो गई। धमाका टंडोरी इलाके के सिबी कस्बे से 30 किलोमीटर दूर एक स्थान पर हुआ। सिबी के उपायुक्त सैयद जाहिद शाह ने कहा कि धमाके में पांच मजदूरों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गए। इनमें सुरक्षा कर्मी भी शामिल है।
क्वेटा । पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में ट्रक के सड़क किनारे हुए बम धमाके की चपेट में आने से उसमें सवार पांच निर्माण मजदूरों की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार शाम हुए इस बम धमाके की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। धमाका टंडोरी इलाके के सिबी कस्बे से 30 किलोमीटर दूर एक स्थान पर हुआ। सिबी के उपायुक्त सैयद जाहिद शाह ने कहा कि धमाके में पांच मजदूरों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गए। इनमें एक सुरक्षा कर्मी भी शामिल है।
‘कोवैक्स’ कार्यक्रम के तहत श्रीलंका को मिला ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका टीका
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 12:23
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‘कोवैक्स’ एक वैश्विक पहल है जिसके तहत आय के स्तर को नजरअंदाज कर सभी देशों को त्वरित और समान रूप से कोविड-19 का टीका देने का प्रयाय किया जा रहा है।
कोलंबो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ‘कोवैक्स’ कार्यक्रम के तहत ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका टीके की 2,64,000 खुराकों की पहली खेप रविवार को श्रीलंका पहुंची। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। ‘कोवैक्स’ एक वैश्विक पहल है जिसके तहत आय के स्तर को नजरअंदाज कर सभी देशों को त्वरित और समान रूप से कोविड-19 का टीका देने का प्रयाय किया जा रहा है।
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श्रीलंका की मंत्री डॉ सुदर्शिनी फर्नांडोपुले ने बताया कि कोरोना वायरस टीके की पहली खेप रविवार को श्रीलंका पहुंची। उन्होंने कहा, “कोवैक्स कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय को आज कोविड-19 टीके की 2,64,000 खुराकें मिलीं।” यूनिसेफ ने एस्ट्राजेनेका टीके की पहली खेप श्रीलंका तक पहुंचाई।
म्यांमा की सैन्य सरकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए बढ़ रहा वैश्विक दबाव
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 7, 2021 11:28
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ रहा है कि वह म्यांमा की सैन्य सरकार पर और अधिक प्रतिबंध लगाए। कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों का मानना है कि दमनकारी सरकार के संसाधनों और उसे मिलने वाले धन के स्रोत में कटौती कर दबाव बनाया जा सकता है।
बैंकाक। म्यांमा में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में बढ़ते जनाक्रोश पर की जा रही हिंसक कार्रवाई के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ रहा है कि वह म्यांमा की सैन्य सरकार पर और अधिक प्रतिबंध लगाए। इसके साथ ही कई देश इस बारे में भी विचार कर रहे हैं कि वैश्विक निंदा के आदी हो चुके म्यांमा के सैन्य अधिकारियों को किस प्रकार हटाया जाए। महामारी के कारण पहले से ही आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में उन्हें नुकसान पहुंचाए बिना म्यांमा की सैन्य सरकार को अपदस्थ करने की चुनौती और बढ़ गई है। फिर भी, कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों का मानना है कि दमनकारी सरकार के संसाधनों और उसे मिलने वाले धन के स्रोत में कटौती कर दबाव बनाया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष राजनयिक क्रिस्टीन एस. बर्गनर ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद से आग्रह किया था कि सैन्य सरकार के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। बर्गनर ने कहा था, “सामूहिक कार्रवाई अनिवार्य है। हम म्यांमा की सेना को कितनी छूट दे सकते हैं?”
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संयुक्त राष्ट्र द्वारा समन्वित कार्रवाई करना कठिन है क्योंकि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस और चीन इस पर वीटो कर सकते हैं। इसके साथ ही म्यांमा के पड़ोसी देश, उसके सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार और निवेश के स्रोत वाले देश प्रतिबंधों के खिलाफ हैं। शांतिपूर्ण कार्रवाई के भी कुछ प्रयास किए गए हैं जिसके तहत अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने म्यांमा की सेना, उनके परिजनों और सैन्य सरकार के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर प्रतिबंध और कड़े कर दिए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि म्यामां सेंट्रल बैंक में रखी एक अरब डॉलर से अधिक की राशि को निकालने के म्यांमा की सेना के प्रयासों को अवरुद्ध कर दिया गया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के विशेष अधिकारी थॉमस एंड्रयूज ने पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट में कहा था कि सैन्य सरकार के ज्यादातर आर्थिक हितों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कुछ देशों ने म्यांमा को दी जाने वाली सहायता पर भी रोक लगा दी है और विश्व बैंक ने कहा है कि उसने भी वित्तपोषण रोक दिया है तथा सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा की जा रही है।

