एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत जाना ‘उत्पादक, सकारात्मक’ रहा : Bilawal Bhutto

Bilawal Bhutto
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सीनेट की विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए बिलावल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके मंत्रालय के लिए यह अहम था कि पाकिस्तान के मामले और उसके दृष्टिकोण को न केवल भारत, बल्कि एससीओ के अन्य भागीदार देशों के समक्ष पेश किया जाए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में भारत में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने का फैसला उनके देश के लिए ‘उत्पादक और सकारात्मक’ साबित हुआ। सीनेट की विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए बिलावल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके मंत्रालय के लिए यह अहम था कि पाकिस्तान के मामले और उसके दृष्टिकोण को न केवल भारत, बल्कि एससीओ के अन्य भागीदार देशों के समक्ष पेश किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक कश्मीर मुद्दे, भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों और बहुपक्षवाद से संबंधित जिम्मेदारियों की बात है, तो भारत दौरे के बाद मेरा निष्कर्ष यह है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला उत्पादक और सकारात्मक रहा।’’ बिलावल ने सीनेट समिति को अवगत कराते हुए कहा, ‘‘हमने सोचा था कि हमें पाकिस्तान के पक्ष और दृष्टिकोण को न केवल भारत, बल्कि (एससीओ के) अन्य भागीदार देशों के समक्ष भी पेश करना चाहिए।’’ बिलावल एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चार मई को गोवा की यात्रा की थी, जो वर्ष 2011 के बाद से पाकिस्तान के किसी इतने बड़े नेता की पहली भारत यात्रा थी।

बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान देश हित में आतंकवाद से लड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वर्ष 2026-27 में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करेगा। बिलावल ने उम्मीद जताई कि भारतीय विदेश मंत्री इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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