खेतों पर टैंक चलाकर गरीबी से नहीं लड़ा जा सकता: शरीफ

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि ‘खेतों पर टैंक चलाकर’ गरीबी खत्म नहीं की जा सकती। उन्होंने एक बार फिर हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी को ‘कश्मीर का बहादुर बेटा’ कहकर भारत को ताना मारने का प्रयास किया। मोदी ने पिछले महीने एक भाषण में पाकिस्तान को गरीबी और अन्य सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने की स्पर्धा की चुनौती दी थी। उसके जवाब में शरीफ ने कहा, ‘‘अगर वे चाहते हैं कि हम उनसे गरीबी को खत्म करने के लिए प्रतिस्पर्धा करें तो उन्हें समझ लेना चाहिए कि खेतों पर टैंक चलाकर गरीबी समाप्त नहीं की जा सकती।’’ उन्होंने कहा ‘‘अगर वह :भारतीय नेता: चाहते हैं कि हमें गरीबी को पूरी तरह खत्म करने में उनका मुकाबला करना चाहिए, अगर वह चाहते हैं कि हम बेरोजगारी को खत्म करने के लिए प्रतिस्पर्धा करें अगर वह चाहते हैं कि जन कल्याण और समृद्धि मामले में हम उनसे प्रतिस्पर्धा करें तो यह सभी खूनखराबे के बीच संभव नहीं है। रोजगार के अवसरों तथा समृद्धि के फूल उन खेतों में खिलाना संभव नहीं है जहां बंदूकों के बीज बोए जाते हैं।’’ शरीफ ने भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सुरक्षा हालात पर चर्चा करने के लिए बुलाये गये संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भारत बातचीत से बच रहा है और उरी आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराकर युद्ध जैसा माहौल बना रहा है।’’ गौरतलब है कि पिछले महीने उरी स्थित सैन्य मुख्यालय पर आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गये थे। शरीफ ने दावा किया, ‘‘हमने भारत को वार्ता की मेज पर लाने के लिए सबकुछ किया लेकिन भारत ने ऐसा नहीं होने दिया। हमारे प्रयासों को बार बार नाकाम किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने बिना किसी जांच के, कुछ ही घंटों के भीतर हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया।''
शरीफ ने आरोप लगाया कि उरी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के पीछे भारत के कुछ मकसद हैं जबकि यह भी साबित नहीं हुआ कि इसमें कौन शामिल था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत पर एलओसी पर संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करने का और पाकिस्तान के खिलाफ हमले शुरू करने का भी आरोप लगाया। शरीफ ने कहा, ‘‘भारत के संघर्षविराम उल्लंघन के नतीजतन हमारे दो जवान मारे गये, जब भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया था। इसका मुहंतोड़ जवाब दिया गया और संदेश दिया गया कि पाकिस्तानी फौज किसी भी हमले का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।’’ शरीफ ने कश्मीरियों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप मुद्दे का हल निकलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर के नौजवानों ने भारत की ज्यादतियों के खिलाफ आजादी के आंदोलन को चलाने का बीड़ा उठाया है।’’ शरीफ ने अपने भाषण में एक बार फिर बुरहान वानी का नाम लिया। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर की मिट्टी के लाल बुरहान वानी की मौत ने भारत को याद दिलाया था कि वह कश्मीरियों को आत्मनिर्धारण का अधिकार दे।’’ शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए वानी को युवा नेता कहा था जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। वानी गत आठ जुलाई को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था जिसके बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गयी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण में वानी का महिमामंडन करने पर भारत ने शरीफ को आड़े हाथ लिया था। पाक संसद में अपने भाषण में शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अनुरोध किया कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने में भूमिका अदा करें। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान पर आरोप लगाकर भारत कश्मीर में अपनी दमनपूर्ण कार्रवाई से दुनिया का ध्यान हटाना चाहता है। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की फौज किसी भी हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। संयुक्त सत्र में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को छोड़कर सभी विपक्षी दलों ने भाग लिया। इमरान खान ने इसका बहिष्कार करते हुए कहा कि शरीफ देश की अगुवाई करने के लिहाज से सही नहीं हैं और यह सत्र केवल उनके नेतृत्व को समर्थन देगा।
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