न फैलता कोरोना वायरस और न जाती इस डॉक्टर की जान, अगर चीन...

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निधि अविनाश । Feb 7 2020 4:36PM

आईसीयू में कोरोना वायरस से जंग लड़ने वाले ली वेनलियांग की गुरुवार 6 फरवरी 2020 को वुहान में मौत हो गई। चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में कोरोना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी।

नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस का पहला केस 31 दिसंबर 2019 को आया था और उसके बाद से इस वायरस का कहर फैलता ही चला गया। चीन के वहान शहर से शुरू हुआ यह वायरस बहुत तेजी से फैला जिसकी वजह से पूरे शहर को बंद कर दिया गया, किसी भी इंसान को बाहर जाने या पब्लिक प्लेस में घूमने तक की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि यह वायरस छुआछुत है और किसी के एक टच से भी आप संक्रमित हो सकते हैं। अब सवाल है कि इस वायरस के बारे में सबसे पहले किसे पता चला था और अगर पता चला भी तो इसे जल्द से जल्द खत्म करने के बारें में क्यों नहीं सोचा? 

चीन का वो पहला डॉक्टर जिसने दी थी सबसे पहले कोरोना वायरस की जानकारी

चीन का वुहान शहर सी फूड मार्केट के लिए काफी फेमस माना जाता है यह वो मार्केट है जहां आपको हर तरीके के जानवर से लेकर पशु-पक्षी खाने को मिल सकते हैं। बता दें इस मार्केट को बंद कराने की भी मांग की गई थी क्योंकि यहां भारी मात्रा में जानवरों को मार कर उनको बेचा जाता है। इस मार्केट में चमगादड़, कुत्ता, भेंस, सांप, से लेकर कई प्रकार के जानवरों की बिक्री की जाती है। बता दें कि कोरोना वायरस का सबसे पहला केस इस मार्केट से ही आया था जिसकी जानकारी चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग ने अपने चिकित्सा महाविद्यालय के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर दी थी। उन्होंने बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सॉर्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षण में साफ हुआ है कि यह विषाणु कोरोना वायरस समूह का है। इसी समूह का सिवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (सार्स) विषाणु भी है जिसकी वजह से 2003 में चीन एवं पुरी दुनिया में 800 लोगों की मौत हुई थी। चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में वुहान में कोरोना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी। 

चीन ने डॉक्टर की बात को बताया था fake!

जब डॉक्टर ली वेनलियांग ने कोरोना वायरस की चेतावनी दी थी तो किसी ने भी इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें झूठी अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद डॉक्टर का काफी उत्पीड़न भी हुआ। चीनी पुलिस ने उन्हें अफवाह फैलाने वाला करार देकर काफी प्रताड़ित भी किया था। जेल में बंद डॉक्टर की अचानक तबियत बिगड़ने लगी जिसकी वजह से उन्हें 12 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, 1 फरवरी को यह पक्का हो गया कि वह भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकें थे। आईसीयू में कोरोना वायरस से जंग लड़ने वाले ली वेनलियांग की गुरुवार 6 फरवरी 2020 को वुहान में मौत हो गई। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक 34 वर्षीय वेनलियांग ने अपने दोस्तों और अपने परिजनों को निजी तौर पर इससे सतर्क रहने की जानकारी भी दी थी। 

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