बिल गेट्स ने भारत को किया निराश, कहा- विकासशील देशों को नहीं दिया जाना चाहिए कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला

Bill Gates
अंकित सिंह । Apr 30 2021 6:07PM

बिल गेट से इस तरह के बयान की कोई उम्मीद नहीं करता है। लेकिन जिस तरीके से वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ऐसे में उनका यह बयान देशवासियों को निराश कर रहा है।

बिल गेट्स को ज्यादातर लोग या तो पूरी दुनिया में के अमीर होने की वजह से जानते हैं या फिर उनके दयालु होने की वजह से। हालांकि इस वक्त बिल गेट्स का जो बयान आया है वह उनके दयालु छवि से बिल्कुल विपरीत है। दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन का फॉर्मूला विकासशील देशों को नहीं दिया जाना चाहिए। जाहिर सी बात है कि बिल गेट से इस तरह के बयान की कोई उम्मीद नहीं करता है। लेकिन जिस तरीके से वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ऐसे में उनका यह बयान देशवासियों को निराश कर रहा है।

इसे भी पढ़ें: टीके की कमी के बीच मुंबई में तीन दिन के लिए रोका गया वैक्सीनेशन अभियान

बिल गेट्स ने स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला विकासशील देशों को नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें नहीं दिया जाएगा तो विकासशील और गरीब देशों को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन उन्हें किसी भी हाल में वैक्सीन का फॉर्मूला नहीं मिलना चाहिए। दरअसल इंटरव्यू में बिल गेट्स  से पूछा गया था कि क्या कोरोना की रफ्तार को कम करने के लिए गरीब और विकासशील देशों को वैक्सीन का फॉर्मूला दिया जाना चाहिए। इसके जवाब में उन्होंने साफ तौर पर कहा नहीं।

इसे भी पढ़ें: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तेलंगाना को ड्रोन से टीके पहुंचाने की अनुमति दी

अपने जवाब में बिल गेट्स ने कहा कि भले ही दुनिया में विकसित बनाने वाली बहुत सी फैक्ट्रियां है और लोग टीके की सुरक्षा को लेकर बहुत ही गंभीर है। फिर भी दवा का फॉर्मूला किसी को भी नहीं दिया जाना चाहिए। बिल गेट्स  ने यह भी कहा कि अमेरिका के जॉनसन एंड जॉनसन की फैक्ट्री और भारत की वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री में एक अंतर होता है। उन्होंने दावा किया कि हमारी विशेषज्ञता और पैसे से एक सफल वैक्सीन बनती है। बिल गेट्स ने कहा कि वैक्सीन का फार्मूला कोई रेसिपी नहीं है जो इसे किसी के साथ भी साझा किया जा सके। यह सिर्फ बौद्धिक  संपदा का ही मामला नहीं है। वैक्सीन बनाने के लिए काफी सावधानी रखनी होती है। टेस्टिंग करनी होती है, ट्रायल होता है। वैक्सीन को कई मायनों में परखा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि अमीर देशों ने टीकाकरण में खुद को पहले प्राथमिकता दी है। कुल मिलाकर अगर कहे तो बिल गेट्स का कहने का मतलब साफ तौर पर यही था कि एक बार विकसित देशों में वैक्सीनेशन का काम पूरा हो जाए उसके बाद ही वह गरीब देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के पक्ष में है। बिल गेट्स के इस बयान की भारत में खूब आलोचना हो रही है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़