डोनाल्ड ट्रम्प और तालिबान नेता की हुई पहली बार टेलीफोन पर ऐतिहासिक बातचीत!

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[email protected] । Mar 4 2020 11:48AM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से अफगानिस्तान में शांति कायम करने की ओर आगे बढ़ने पर चर्चा की।अमेरिका-तालिबान समझौते के अनुसार, अंतर-अफगान वार्ता 10 मार्च को शुरू होनी है लेकिन कैदियों की अदला-बदली को लेकर पैदा हुए विवाद से इस पर सवाल खड़े हो गए हैं।

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से अफगानिस्तान में शांति कायम करने की ओर आगे बढ़ने पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।किसी अमेरिकी राष्ट्रपति और आतंकवादी समूह के बीच फोन पर बातचीत की यह जानकारी पहली बार सामने आयी है।

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टेलीफोन पर यह ऐतिहासिक बातचीत तब हुई जब तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में आंशिक युद्धविराम को खत्म कर दिया जिससे 10 मार्च को शुरू होने वाली अंतर-अफगान वार्ता को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे।व्हाइट हाउस ने बताया कि मंगलवार को हुई इस बातचीत में ट्रम्प ने ‘‘हिंसा में कमी लाने की जरूरत पर जोर दिया जिसके चलते अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका, अफगान लोगों का सहयोग करते रहने के लिए तैयार है।व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘उन्होंने (ट्रम्प) तालिबान से इस्लामिक गणराज्य अफगानिस्तान की सरकार के प्रतिनिधियों के साथ - साथ अन्य अफगानियों के साथ अंतर-अफगान वार्ता में भाग लेने का भी अनुरोध किया ताकि 40 साल से अधिक समय से चल रहा युद्ध खत्म हो।’’ट्रम्प ने पत्रकारों को बताया, ‘‘मैंने आज तालिबान के नेता से बात की। हमारी काफी अच्छी बातचीत हुई।’’

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गौरतलब है कि अमेरिका और तालिबान ने दोहा में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके मुताबिक अमेरिका अगले 130 दिनों में अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या 13,000 से घटाकर 8,600 करेगा और 14 महीनों में अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाएगा। साथ ही इसमें ओस्लो में इस महीने अंतर-अफगान वार्ता शुरू होने की भी बात है।

अमेरिका-तालिबान समझौते के अनुसार, अंतर-अफगान वार्ता 10 मार्च को शुरू होनी है लेकिन कैदियों की अदला-बदली को लेकर पैदा हुए विवाद से इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस समझौते के तहत तालिबान 1,000 बंदियों को रिहा करेगा और अफगानिस्तान करीब 5,000 आतंकवादी कैदियों को रिहा करेगा। आतंकवादियों ने इसे वार्ता की पूर्व शर्त बनाया था, लेकिन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने वार्ता शुरू होने से पहले ऐसा करने से इनकार कर दिया है। 

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