म्यामां के लिए नई राह खोलेगी जातीय शांति वार्ता
म्यामां सरकार और युद्धरत जातीय अल्पसंख्यकों के बीच शांति वार्ता शुरू हो गई। इसका उद्देश्य दशकों से चले आ रहे खूनखराबे को खत्म करना और दक्षिणपूर्वी एशिया के इस सबसे गरीब देश में निवेश को आकर्षित करना है।
नाएप्यीडॉ। म्यामां सरकार और युद्धरत जातीय अल्पसंख्यकों के बीच शांति वार्ता शुरू हो गई। इसका उद्देश्य दशकों से चले आ रहे खूनखराबे को खत्म करना और दक्षिणपूर्वी एशिया के इस सबसे गरीब देश में निवेश को आकर्षित करना है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून राजधानी नाएप्यीडॉ में सैकड़ों विद्रोही नेताओं, सांसदों और सेना के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करेंगे। आंग सान सू की नवनिर्वाचित सरकार म्यांमा का संघीय लोकतंत्र के तौर पर पुनर्गठन करना चाहती है। यह देश इससे पहले दशकों तक सेना के दमनकारी शासन के तले दबा था।
नवंबर में हुए चुनाव में सू की को अल्पसंख्यक समुदायों का मजबूत समर्थन हासिल हुआ था और करीब एक तिहाई मत उनके हक में पड़े थे। वार्ता से एक दिन पहले एक संवाददाता सम्मेलन में बान की मून ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय समन्यवय के लिए उठाए गए कदमों को और मजबूत, विस्तृत और समेकित किए जाने की जरूरत है।
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