भारत में रस्सी से घसीटा गया F35, मजाक, बेइज्जती और मीम्स का शिकार बना दुनिया का आधुनिक फाइटर जेट

एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट का निर्माण अमेरिका करता है। डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर एफ 35 लड़ाकू विमान खरीदने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन अब यही फाइटर जेट भारत में मजाक, बेइज्जती और मीम्स का शिकार बन गया है।
भारत के केरल के तिरुवंतपुरम से आई तस्वीरों ने ब्रिटेन और अमेरिका की इज्जत मिट्टी में मिला दी है। जिस एयरक्रॉफ्ट को दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान कहा जाता है। उसी लड़ाकू विमान को भारत में घसीटकर ले जाया जा रहा है। लेकिन इस लड़ाकू विमान को घसीटे जाने के पीछे जो कहानी आप जानकर हैरान रह जाएंगे। दरअसल, ये एयरक्रॉफ्ट एफ-35 बी स्टील्थ फाइटर जेट है। जो पिछले कई दिनों से एक रहस्य को छुपाए भारत में खड़ा रहा। मगर अब इसे और भी बड़े रहस्य की तरफ खींचा जा रहा है।तकनीकी समस्या के कारण 14 जून से केरल के तिरुवंतपुरम में फंसे ब्रिटिश रॉयल नेवी के एफ-35 लड़ाकू विमान को बचाने के लिए ब्रिटेन से एक टीम आ गई है। इस एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट का निर्माण अमेरिका करता है। डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर एफ 35 लड़ाकू विमान खरीदने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन अब यही फाइटर जेट भारत में मजाक, बेइज्जती और मीम्स का शिकार बन गया है।
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अमेरिका भारत को एफ 35 बेचना चाहता था लेकिन भारत में ही एफ 35 का रियलिटी चेक हो गया। ये एयरक्रॉफ्ट तिरुवंतपुरम पर किसी खराबी या किसी बड़े रहस्य के चलते खुले आसमान में खड़ा रहा। लेकिन भारत ने जब एयरक्रॉफ्ट को खुले आसमान से हैंगर में शिफ्ट करने के लिए ब्रिटेन से कहा तो उसने मना कर दिया। ब्रिटेन को लगा कि भारत इस एयरक्रॉफ्ट की टेक्नोलॉजी चुरा लेगा। लेकिन अब ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स की एक टीम आई है और इस एयरक्रॉफ्ट को घसीटती हुई हैंगर के अंदर ही ले गई है। सूत्रों ने बताया कि विमान की मरम्मत करने के लिए विशेष रूप से आई ब्रिटिश इंजीनियर की टीम खामी का आकलन करेगी। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन से एक इंजीनियरिंग टीम ब्रिटिश रॉयल नेवी एफ-35बी लाइटनिंग लड़ाकू विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए रविवार को यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने हवाई अड्डे पर इंजीनियरिंग टीम के पहुंचने की पुष्टि की। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन की एक इंजीनियरिंग टीम को एफ-35बी विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भेजा गया है।
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प्रवक्ता के मुताबिक ब्रिटेन ने हवाई अड्डे के रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) केंद्र में विमान को ले जाने की पेशकश स्वीकार कर ली है और संबंधित अधिकारियों के साथ व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रहा है। इस बीच, हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान को एमआरओ में ले जाया गया है। ब्रिटेन भारतीय अधिकारियों और हवाईअड्डा टीम के निरंतर समर्थन और सहयोग के लिए बहुत आभारी है। इस विमान की कीमत लगभग 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर है जिसे दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। यह विमान 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतरा था।
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