असद सरकार जाने के बाद सीरिया से डिप्लोमैटिक संपर्क, अल-शरा सरकार से हुई पहली आधिकारिक मुलाकात

एचटीएस लीडर रहे शारा ने बीते साल दिसंबर में उस वक्त सत्ता संभाली, जब एक अर्से से सत्ता में रहे बशर अल असद को तख्ता पलट का सामना करना पड़ा था। सोमवार को विदेश मंत्रालय के वेस्ट एशिया और नॉर्थ अफ्रीका विभाग के डायरेक्टर सुरेश कुमार ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दमाकस में वहां के विदेश मंत्री असद अल शैबानी से मुलाकात की। इसके साथ ही इस डेलिगेशन ने वहां के स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की।
भारतीय राजनयिक ने दमिश्क में सीरियाई मंत्रियों के साथ बैठक की है, जो कि पूर्व हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) नेता अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाली सीरिया की संक्रमणकालीन सरकार के साथ भारत की पहली औपचारिक बातचीत है। सीरियाई समाचार एजेंसी सना की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय में पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (वाना) प्रभाग के निदेशक सुरेश कुमार ने सीरिया के विदेश मंत्री असद अल-शैबानी और स्वास्थ्य मंत्री मुसाब अल-अली के साथ बैठक की। कुमार की सीरिया यात्रा के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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एचटीएस लीडर रहे शारा ने बीते साल दिसंबर में उस वक्त सत्ता संभाली, जब एक अर्से से सत्ता में रहे बशर अल असद को तख्ता पलट का सामना करना पड़ा था। सोमवार को विदेश मंत्रालय के वेस्ट एशिया और नॉर्थ अफ्रीका विभाग के डायरेक्टर सुरेश कुमार ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दमाकस में वहां के विदेश मंत्री असद अल शैबानी से मुलाकात की। इसके साथ ही इस डेलिगेशन ने वहां के स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की। इसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने फिलहाल कुछ भी औपचारिक तौर से बयान नहीं दिया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि बातचीत हुई है। वहीं, सीरिया की न्यूज एजेंसी सना के मुताबिक, भारतीय प्रतिनिधियों के साथ मंत्रियों की बातचीत हुई है।
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सीरिया से भारत के करीबी संबंध
बता दें कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन के वक्त से ही सीरिया और भारत के करीबी संबंध रहे हैं। दोनों देश इस आंदोलन के सदस्य रहे हैं। बीते साल दिसंबर में असद की सत्ता जाने के बाद वहां के हालात स्थिर नहीं हो पाए है। शारा ने बीते दिनों देश के संविधान के ड्राफ्ट को बनाने के लिए एक सात सदस्यीय कमिटी भी बनाई थी। इसे लेकर भारत ने औपचारिक तौर पर कहा था कि सीरिया में संविधान बनाए जाने में सबका हित है।
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