अफगानिस्तान में नियंत्रण को लेकर पाक सेना और आईएसआई प्रमुखों के बीच बढ़ी दरार

Fissure widens between Pak Army and ISI chiefs over control in Afghanistan
प्रतिरूप फोटो
निधि अविनाश । Sep 22 2021 9:26AM

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, कई सालों से तालिबान के नेताओं का दाना-पानी और देखभाल की जिम्मेदारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई संभालता आ रहा है। इसके अलावा अमेरिका के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने तालिबान की हमेशा से मदद की है।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा जब से हुआ है तभी से पाकिस्तान भी काफी  सक्रिय होता दिख रहा है। बता दें कि तालिबानी सत्ता के हर फैसले पर अब पाकिस्तान की नज़र बनी हुई। तालिबान के हर फैसले पर पाकिस्तान का दखल देना ऐसा समझ आता है कि मानो तालिबान की सत्ता की कमान खुद पाकिस्तान अपने हाथ में रखना चाहता हो। इसी बीच समाचार चैनल इंडिया टुडे के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि, अफगानिस्तान में नियंत्रण बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के बीच तनातनी चल रही हैं।मतभेद इतने बढ़ गए है कि अब दोनों एक दूसरे को पद से हटाने में जुट गए है।

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जानकारी के लिए आपको बता दें कि, कई सालों से तालिबान के नेताओं का दाना-पानी और देखभाल की जिम्मेदारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई संभालता आ रहा है। इसके अलावा अमेरिका के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने तालिबान की हमेशा से मदद की है। ऐसे में अब जब अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता ने कदम रखा है तो पाकिस्तान प्रमुख सेना अब उनके हर एक फैसले पर दखल देना चाहता हैं लेकिन यह बात आईएसआई  चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद  को पसंद नहीं आ रही है।

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वह नहीं चाहते कि तालिबानी हुकुमत की कोई भी उपलब्धि का क्रेडिट पाकिस्तान के सेना बाजवा को मिले। आपको बता दें कि, तालिबानी नेताओं का आईएसआई के साथ काफी अच्छे संबंध हैं। इसमें हक्कानी ग्रुप समेत कई अन्य गुटों का भी घनिष्ट संबंध है। सूत्रों का मानना है कि, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने अफगानिस्तान में अपने गुप्तचर को छोड़ रखा है।अमेरिका के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में आईएसआई ने काफी मदद की है और इसी कारण से आईएसआई प्रमुख किसी भी जरिए अफगानिस्तान के नियंत्रण को हाथ से जाने नहीं दे सकते हैं।

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