G20 Summit in Bali | इंडोनेशिया ने भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपी, पीएम मोदी ने कहा- ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ हमारे युग का सबसे उल्लेखनीय बदलाव

G20 Summit in Bali
ANI
रेनू तिवारी । Nov 16 2022 12:32PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ हमारे युग का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है। गरीबी के खिलाफ दशकों से जारी वैश्विक लड़ाई में ‘डिजिटल तकनीक’ का उचित इस्तेमाल काफी कारगर साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में द्वीपक्षीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और बाली का पुराना रिश्ता रहा हैं। इसी बैठक के दौरान इंडोनेशिया ने भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ हमारे युग का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है। गरीबी के खिलाफ दशकों से जारी वैश्विक लड़ाई में ‘डिजिटल तकनीक’ का उचित इस्तेमाल काफी कारगर साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं। हमने वैश्विक महामारी के दौरान इन्हें घर से कामकाज की सुविधा उपलब्ध कराने और कार्यालयों को कागज रहित बनाने में काफी कारगर पाया था। भारत में हम डिजिटल माध्यमों तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल खाई अब भी बहुत गहरी है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अनुभव किया है कि अगर हम डिजिटल बुनियादी ढांचे को समावेशी बनाएंगे तो इससे सामाजिक-आर्थिक बदलाव हो सकते हैं । जी20 समिट को  संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि  ‘डेटा फॉर डेवलपमेंट’ का सिद्धांत भारत की जी20 अध्यक्षता के विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का अभिन्न हिस्सा रहेगा। यह सुनिश्चित करना जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ के लाभ कुछ ही लोगों तक सीमित न रहें।

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बुधवार को कुछ वैश्विक नेताओं के साथ वहां के सबसे बड़े ‘मैंग्रोव’ वन ‘तमन हुतान राया नगुराह राय’ का दौरा किया और मैंग्रोव लगाए। ‘मैंग्रोव’ ऐसे पेड़ों या झाड़ियों को कहा जाता है, जो समुद्र तट के किनारे उगती हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बाली पहुंचे हैं, जो मंगलवार को शुरू हुआ था। शिखर सम्मेलन के मंलगवार को आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था।

 

नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत की थी। प्रधानमंत्री मोदी और जी20 नेता बुधवार को ‘तमन हुतान राया नगुराह राय’ पहुंचे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ अन्य जी20 नेताओं ने बाली में मैंग्रोव जंगल का दौरा किया और जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एकसाथ आकर एक मजबूत संदेश दिया।

 

भारत जलवायु के लिए ‘मैंग्रोव एलायंस’ का भी हिस्सा बना।’’ मोदी ने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बाली के मैंग्रोव वन में जी20 नेताओं के साथ।’’ विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मैंग्रोव की वैश्विक पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत, इंडोनेशिया की जी20 अध्यक्षता में इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की संयुक्त पहल ‘मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट’ (एमएसी) में शामिल हो गया है। वन में रोपण के लिए प्रत्येक नेता को एक छोटा मैंग्रोव दिया गया, जिसे उन्होंने प्राप्त दिशा-निर्देशों के तहत लगाया।

 

जी20 नेताओं को यहां अलग-अलग तरह के मैंग्रोव और उनकी संभावित आयु (करीब 100 साल तक) के बारे में बताया गया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस दौरान मैंग्रोव पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि वन में 150 तरीके के मैंग्रोव हैं। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन मैंग्रोव वन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ चलते नजर आए। मोदी ने मंगलवार को वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति शृंखला ‘चरमरा’ गई है।

 

इंडोनेशिया जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष है। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा। जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।

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