इमरान का बड़ा कबूलनामा, पाकिस्तान में बदलाव ला पाने में रहे नाकाम, सरकार और मंत्रालयों ने नहीं दिए वांछित परिणाम

imran khan
अभिनय आकाश । Feb 12 2022 2:12PM

इमरान खान ने 10 फरवरी को एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कबूल कर लिया कि वो पाकिस्तान को बदलने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। हालांकि इमरान खान ने अपनी नाकामी का ठीकरा देश के सिस्टम पर फोड़ दिया है।

पाकिस्तान की गिरती हुई अर्थव्यवस्था उसको एक नाकाम देश बनाने की ओर बढ़ा रही है। अब उसके प्रधानमंत्री इमरान खान का एक ऐसा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने खुद कबूल किया है कि वो अब हार चुके हैं। वो अब पूरी तरह से नाकाम हो चुके हैं। वो अब पाकिस्तान के हालात को सुधारने के काबिल नहीं रहे। पाकिस्तानी कप्तान का ये कबूलनामा अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है। हाल ही में इमरान अपने जिगरी दोस्त चीन की यात्रा से वापस लौटे हैं। जहां उन्होंने शी जिनपिंग के आगे सिर झुकाते हुए अपने देश की खास्ता अर्थव्सवस्था और तंगहाली से उबारने की मिन्नतें की। पाकिस्तान की गिड़गिड़ाने पर चीन ने भी तरह खाते हुए इस्लामाबाद में अपना निवेश बढ़ाने के लिए नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने के लिए राजी हो गया। लेकिन इमरान खान को लगता है कि वो अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर नाकाम हो गए हैं।

नाकामी का ठीकरा  पर फोड़ा

इमरान खान ने 10 फरवरी को एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कबूल कर लिया कि वो पाकिस्तान को बदलने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। हालांकि इमरान खान ने अपनी नाकामी का ठीकरा देश के सिस्टम पर फोड़ दिया है। कार्यक्रम में इमरान ने कहा कि शुरुआत में हम क्रांतिकारी कदमों के जरिये बदलाव लाना चाहते थे। लेकिन बाद में हमें अहसास हुआ कि हमारी व्यवस्था इस बदलाव को सहने में असमर्थ है। 

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सरकार और मंत्रालयों ने वांछित परिणाम नहीं दिए 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कार्यक्रम में कहा कि सरकार और मंत्रालयों ने वांछित परिणाम नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार और देश के हित के बीच कोई संबंध नहीं है।" उन्होंने पूछा, "क्या हमारे मंत्रालय प्रदर्शन कर रहे हैं कि कैसे निर्यात बढ़ाकर देश को स्थिर किया जाए और कैसे लोगों की स्थिति में सुधार किया जा सकता है, गरीबी को कैसे समाप्त किया जा सकता है?" 

पाकिस्तान के हालात दे रहे नाकामी की गवाही 

अपने इलेक्शन कैंपेन में नया पाकिस्तान बनाने का चुनावी वादा करने वाले इमरान खान को पाकिस्तान की गद्दी संभाले चार साल हो चुके हैं। इमरान खान अपनी नाकामी को कबूल न भी करते तो भी पाकिस्तान के हालात उनकी नाकामी की गवाही दे रहे हैं। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और अर्थव्यवस्था डूबी हुई है कि पाकिस्तान के पास अपने कर्ज का ब्याज चुकाने तक के पैसे नहीं हैं। 

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