इमरान खान का बयान, भाजपा के सत्ता में रहते भारत से अच्छे रिश्ते संभव नहीं, 370 को लेकर भी कही यह बात
इमरान खान एक अखबार को अपना इंटरव्यू दे रहे थे। इसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर भी बात कर रखी। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के अच्छे संबंधों में जम्मू कश्मीर का मसला सबसे बड़ा रोड़ा है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने रिश्ते हल्के करने पड़े।
इमरान खान लगातार भारत के खिलाफ बोलने की कोशिश करते रहते हैं। पाकिस्तान में सत्ता जाने के बाद हालांकि एक-दो मौके ऐसे भी आए हैं, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की तारीफ की है। हालांकि, एक बार फिर से इमरान खान ने भारत के खिलाफ बोला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं। लेकिन यह तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक भारत में भाजपा की सरकार रहेगी। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि एक बार फिर से शीत युद्ध जैसी स्थिति बनी रहे। लेकिन यह भाजपा के रहते संभव नहीं है। इतना ही नहीं, इमरान खान ने तो यह भी कह दिया कि अफगनिस्तान, इरान और चीन समेत सभी पड़ोसी देशों से पाकिस्तान अच्छे संबंध चाहता है।
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दरअसल, इमरान खान एक अखबार को अपना इंटरव्यू दे रहे थे। इसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर भी बात कर रखी। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के अच्छे संबंधों में जम्मू कश्मीर का मसला सबसे बड़ा रोड़ा है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने रिश्ते हल्के करने पड़े। उनके मुताबिक अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान में भारत के साथ संबंध कमजोर कर दिए थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते होंगे तो दोनों ही देशों को इसका लाभ भी होगा। लेकिन जम्मू कश्मीर का मसला बीच में आ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निराशाजनक है क्योंकि आपके पास समाधान के लिए कोई मौका नहीं है।
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इमरान ने कहा कि वे राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काते हैं। एक बार राष्ट्रवाद का जिन्न बोतल से बाहर हो गया तो उसे वापस करना मुश्किल होता है। खान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यदि दोनों पड़ोसी देश एक-दूसरे के साथ व्यापार स्थापित करते हैं तो क्या आर्थिक फायदे हो सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह संभव है। लेकिन भाजपा सरकार बहुत कट्टर है तथा उसका इन मुद्दों पर राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है। अखबार ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘‘ यह निराशाजनक है , क्योंकि आपके पास (हल के लिए) कोई गुजाइंश नहीं है, वे राष्ट्रवादी भावनाएं भड़काते हैं। एक बार राष्ट्रवाद का यह जिन्न बोतल से बाहर आ गया तो उसे वापस डालना बड़ा मुश्किल होता है।’’ हालांकि, भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, दुश्मनी एवं हिंसा से मुक्त माहौल में उसके साथ सामान्य पड़ोसी जैसा संबंध रखना चाहता है।
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