India and Myanmar ने सीमा और व्यापारिक मुद्दों की स्थिति पर चर्चा की

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भारत ने पिछले महीने भारत-म्यांमा सीमा के नजदीक म्यांमा की सेना और जुंटा विरोधी समूहों के बीच लड़ाई को रोकने का आह्वान किया था, जिससे मिजोरम में म्यांमा के शरणार्थियों की आमद शुरू हो गई थी।

भारत और म्यांमा ने बुधवार को सीमा पर मौजूदा स्थिति, व्यापार और ‘कनेक्टिविटी’ सहित कई मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा की। भारत ने पड़ोसी देश के लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ने के प्रति अपने समर्थन को भी दोहराया।

दोनों पक्षों ने यहां आयोजित भारत-म्यांमा विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के 20वें दौर की बैठक में अपने समग्र सहयोग का जायजा लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने किया जबकि म्यांमा की टीम का नेतृत्व उसके उप विदेश मंत्री यू ल्विन ऊ ने किया।

भारत ने पिछले महीने भारत-म्यांमा सीमा के नजदीक म्यांमा की सेना और जुंटा विरोधी समूहों के बीच लड़ाई को रोकने का आह्वान किया था, जिससे मिजोरम में म्यांमा के शरणार्थियों की आमद शुरू हो गई थी।

कुछ सप्ताह पहले तक भारत के साथ लगी सीमा के पास के कई प्रमुख कस्बों और क्षेत्रों में म्यांमा के जुंटा विरोधी समूहों और सरकारी बलों के बीच संघर्ष जारी था।

भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ दोनों पक्षों ने सीमा पर मौजूदा स्थिति के अलावा सुरक्षा, व्यापार, वाणिज्य और कनेक्टिविटी, म्यांमा में द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से संबंधित चिंताओं जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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