रूस-यूक्रेन संकट: भारतीय फार्मा निर्यातकों की ‘देखो और इंतजार करो’की नीति

Indian Pharmacy
प्रतिरूप फोटो

रेड्डीज लैब के एक अधिकारी ने कहा कि वह घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में अपने कर्मचारियों की भलाई उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

हैदराबाद|  यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य हमले के बीच भारतीय फार्मा निर्यातक उन्हें और कुछ सीआईएस देशों को नए ऑर्डर भेजने के लिए ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं। उद्योग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

वाणिज्य विभाग के तहत आने वाले निकाय भारतीय फार्मास्युटिकल्स निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में यूक्रेन को 18.1 करोड़ डॉलर से अधिक के फार्मास्युटिकल सामान का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 44 प्रतिशत अधिक है। रूस ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 5.91 करोड़ डॉलर का योगदान दिया, जो एक साल पहले की तुलना में 6.95 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

रेड्डीज लैब के एक अधिकारी ने कहा कि वह घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में अपने कर्मचारियों की भलाई उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-को बताया, ‘‘इस क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक समय से हमारी मजबूत उपस्थिति रही है। मरीजों की जरूरतों और व्यापार निरंतरता को जारी रखने के साथ-साथ हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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