भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा भूराजनीतिक हथकंडा न बने तो इसका स्वागत होना चाहिए: चीन

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जानकारों का कहना है कि नया गलियारा चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) को टक्कर देने वाली पहली वैश्विक कनेक्टिविटी परियोजना है।चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन वास्तव में विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने वाली सभी पहलों और कनेक्टिविटी व विकास को बढ़ावा देने के ईमानदार प्रयासों का स्वागत करता है।

 चीन ने सोमवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर घोषित भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा अगर भूराजनीतिक हथकंडा न बने, तो वह इसका स्वागत करता है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन वास्तव में विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने वाली सभी पहलों और कनेक्टिविटी व विकास को बढ़ावा देने के ईमानदार प्रयासों का स्वागत करता है। मंत्रालय ने नए गलियारे के बारे में चीन की प्रतिक्रिया को लेकर एक सवाल के जवाब में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए लिखित जवाब में कहा, साथ ही, हम इस बात की वकालत करते हैं कि विभिन्न कनेक्टिविटी पहल खुली, समावेशी और तालमेल बनाने वाली होनी चाहिए और भू-राजनीतिक हथकंडा नहीं बननी चाहिए।

शनिवार को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा बनाने की योजना की घोषणा की जिसमें भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि नया गलियारा चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) को टक्कर देने वाली पहली वैश्विक कनेक्टिविटी परियोजना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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