क्या चीन और ताइवान के बीच हालात खराब होते जा रहे हैं, दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो क्या होगा?
चीन ने एक बार फिर ताइवान के एयरस्पेस में अपने लड़ाकू विमान भेज कर माहौल को गर्म कर दिया है। ताकी अमेरिका यूक्रेन के साथ ताइवान की तकरार में उलझा रहे। ताकत के नशे में चूर चीन की सेना गुस्ताखियों भरा कदम उठा रही है।
रूस और यूक्रेन में जंग जैसे हालात बन चुके हैं और महायुद्ध का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे हालात में चीन कहां बाज आने वाला। चीन ने अपने जानी दुश्मन अमेरिका को उलझाने के लिए एक खतरनाक दांव चल दिया है। चीन ने एक बार फिर ताइवान के एयरस्पेस में अपने लड़ाकू विमान भेज कर माहौल को गर्म कर दिया है। ताकी अमेरिका यूक्रेन के साथ ताइवान की तकरार में उलझा रहे। ताकत के नशे में चूर चीन की सेना गुस्ताखियों भरा कदम उठा रही है। हथियारों की हनक के साथ चीन की सेना के लड़ाकू विमान एक बार फिर ताइवान के एयर स्पेस में घुस आए।
ताइवान के खिलाफ चीन का दांव
चीन के करीब 39 लड़ाकू विमान 23 जनवरी की रात ताइवान के डिफेंस जोन में पहुंच गए। इनमें 24 लड़ाकू जेट J-16 और 10 इलेक्ट्रॉनिक/फाइटर प्लेन J-10 भी शामिल थे। इनकी संख्या अक्टूबर के बाद सबसे अधिक रही। दरअसल इस देश को आशंका है कि चीन इसपर हमला कर देगा। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है, जबकि ताइवान का कहना है कि वह एक स्वंतत्र देश है।
इसे भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपने वीचैट अकाउंट पर नियंत्रण खोया, चीन कर रहा राजनीतिक हस्तक्षेप
ताइवान ने दिया मुंहतोड़ जवाब
चीन की गुस्ताखियों के बीच ताइवान ने भी मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। ताइवान की मिसाइलों का मुंह चीन की फाइटर जेट की तरफ मोड़ दिया गया है। ड्रैगन की गुस्ताखी का जवाब देने के लिए फाइटर जेट एक्टिवेट हो गए। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे देश ने चीनी लड़ाकू विमान की सूचना मिलते ही चेतावनी के तौर पर अपने लड़ाकू विमान भी भेज दिए। साथ ही एडिज में दाखिल होने वाले 39 चीनी लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने के लिए मिसाइलें तैनात कर दी हैं।
क्या है दोनों देशों का विवाद
चीन मानता है कि ताइवान उसका एक प्रांत है, जो अंतत: एक दिन फिर से चीन का हिस्सा बन जाएगा। दूसरी ओर, ताइवान ख़ुद को एक आज़ाद मुल्क मानता है। उसका अपना संविधान है और वहां लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार का शासन है। चीन यदि ताइवान पर क़ब्ज़ा कर लेता है तो पश्चिम के कई जानकारों की राय में, वो पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपना दबदबा दिखाने को आज़ाद हो जाएगा।
क्या हालात ख़राब होते जा रहे हैं?
ये पहला मौका नहीं है जब चीन ने ताइवान की सीमा में फाइटर प्लेन भेजे हैं। ताइवान की सरकार पिछले डेढ़ साल से नियमित रूप से इस संबंध में आंकड़े जारी कर रही है। उनके अनुसार, तब से चीनी पायलट लगभग रोज ताइवान की ओर उड़ान भर रहे हैं। इससे पहले चीन के सर्वाधिक 56 विमानों ने पिछले साल अक्टूबर में ताइवान की ओर उड़ान भरी थी।
चीन का मुकाबला कर सकता है ताइवान
चीन का अपनी सेना पर सालाना ख़र्च दुनिया में अमेरिका को छोड़कर सबसे ज़्यादा है. उसकी सैन्य ताक़त काफ़ी विविध और विशाल है। दोनों देशो के बीच यदि आमने सामने की भिड़ंत हुई तो ताइवान बहुत कोशिश करके चीन के हमले को थोड़ा धीमा कर सकता है। उसे अमेरिका से मदद मिल सकती है, जो ताइवान को हथियार बेचता है।
13 PLA aircrafts (J-16*8, Y-8 ASW, H-6*2 and J-16D*2) entered #Taiwan’s southwest ADIZ on January 24, 2022. Please check our official website for more information: https://t.co/oAAr89Fx1Z pic.twitter.com/vMRWxQN9Ct
— 國防部 Ministry of National Defense, R.O.C. 🇹🇼 (@MoNDefense) January 24, 2022
अन्य न्यूज़