NASA की सफलता के पीछे भारतीय बॉब बलराम का दिमाग, जानिए कौन है यह शख्स
आपको बता दें कि यह रोटरक्राफ्ट चार-पौंड यानि की 1.8 किलोग्राम का है। इसको लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इनजीनिटी मार्स हेलीकॉप्टर जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) द्वारा बनाया गया था, जो नासा मुख्यालय के लिए इस प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना का प्रबंधन भी करता है।
आईआईटी के पूर्व छात्र जे (बॉब) द्वारा डिजाइन किया गया नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन NASA का इनजीनिटी मंगल हेलीकॉप्टर, सोमवार को सफलतापूर्वक उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। बता दें कि यह दूसरे ग्रह पर पहली संचालित और नियंत्रित होने वाला उड़ान बन गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस उपलब्धि को "हमारे राइट ब्रदर्स मोमेंट" के रूप में देखा। टीओआई में छपी एक खबर के अनुसार,मार्स हेलिकॉप्टर जिसे इनजेनिटी कहा जाता है को डिजाइन करने वाले भारतीय IITian जे (बॉब) बलराम ने बताया कि उड़ान सफल रही और उनका यह हेलिकॉप्टर पहले की तुलना में ज्यादा स्वस्थ है। उन्होंने आगे बताया कि, सोलर पैनल्स पर जमी धूल को अब हटा दिया गया है जिसके बाद अब वह पहले से ज्यादा अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है।
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बलराम के काम की हो रही दुनियाभर में तारीफ!
आपको बता दें कि यह रोटरक्राफ्ट चार-पौंड यानि की 1.8 किलोग्राम का है। इसको लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इनजीनिटी मार्स हेलीकॉप्टर जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) द्वारा बनाया गया था, जो नासा मुख्यालय के लिए इस प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना का प्रबंधन भी करता है। मंगल पर भेजे गए हेलीकॉप्टर के पीछे जे (बॉब) बलराम की मुख्य भुमिका रही है। वह नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में तकनीकी कर्मचारियों के प्रमुख सदस्य हैं, जहां वे मोबिलिटी और रोबोटिक सिस्टम सेक्शन का काम देखते हैं। दो नासा पुरस्कारों और आठ नई प्रौद्योगिकी पुरस्कारों को प्राप्त कर चुके बलराम ने मार्स एरोबॉट के एक कॉन्सेप्ट को विकसित करने के लिए डिज़ाइन टीमों का नेतृत्व किया है।
भारत में जन्मे बलराम को बचपन से ही अंतरिक्ष और रॉकेट में खास रूचि थी। बॉब बलराम अपोलो मून लैंडिंग से प्रेरित थे और इसके लिए उन्होंने भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को पत्र लिखकर अपनी नासा में करियर को लेकर जानकारी मांगी थी। एक इंटरव्यू को साझा करते हुए बलराम ने बताया कि उनकी चंद्रमा पर रॉकेट के पहुंचने की खबर सुनकर उनका मन अंतरिक्ष को लेकर उत्सुकता जागी थी।
It happened. Today our #MarsHelicopter proved that powered, controlled flight from the surface of another planet is possible. It takes a little ingenuity, perseverance, and spirit to make that opportunity a reality: https://t.co/oT3rrBm6wj pic.twitter.com/u63GKshp0G
— NASA (@NASA) April 19, 2021
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